बैंगलुरू। शनिवार दिनांक 01 अगस्त, 2020 तेरापंथ के आद्य प्रवर्तक आचार्यश्री भिक्षु की मासिक तेरस पर श्रद्धा व भक्तिमय धम्म जागरणा का आयोजन आचार्य श्री महाश्रमण जी की प्रबुद्ध सुशिष्या साध्वीश्री अणिमाश्रीजी ठाणा ५ के पावन सानिध्य में गांधीनगर स्थित तेरापंथ सभा भवन में आयोजित हुई। यह भक्ति संध्या तेरापंथ युवक परिषद व तेरापंथ महिला मंडल (गांधीनगर) बेंगलुरू के संयुक्त तत्वावधान में रात्रि 8.00 बजे से प्रारम्भ हुई।
साध्वी श्री अणिमा श्री जी ने इस अवसर पर प्रेरणा पाथेय प्रदान करते हुए फरमाया आचार्य भिक्षु हमारे आराध्य है उनके पुरुषार्थ से,उनकी कृपा से हमे अपने व्यक्तित्व,संस्कार,स्वाध्याय व साधना को पुष्ट करने हेतु यह तेरापंथ रूपी नंदन वन प्रदान हुआ, इस ज्योतिर्मय अनुशासित, मर्यादित धर्मसंघ को समय समय पर अनेक आचार्यो ने अपनी दूरदर्शिता,ओजस्विता व साधना ने इस धर्म शासन को गौरवान्वित करते हुए आध्यात्मिक रश्मिया प्रदान की व वर्तमान में आचार्य श्री महाश्रमणजी जैसे महान तपस्वी,ओजस्वी व दूरदर्शी आचार्य के पावन सानिध्य व नेतृत्व में यह धर्मसंघ अपनी विशेष आध्यात्मिक अलख जगा रहा है।
साध्वी श्री जी ने आचार्य भिक्षु से जुड़े अनेक प्रश्नगो से महामना को भावांजलि प्रदान की। साध्वी श्री कर्णिका श्रीजी,साध्वी श्री सुधाप्रभा जी,साध्वी श्री समत्वयशाजी,साध्वी श्री मैत्रीप्रभा जी ने भी गीतों के माध्यम से अपनी मधुर प्रस्तुति प्रदान की। तेयुप बैंगलोर अध्यक्ष श्री विनोद मुथा ने स्वागत वक्तव्य दिया।
तेयुप भजन मंडली प्रज्ञा संगीत सुधा, रोहित कोठारी, रणजीत राखेचा, ललित सेठिया,व तूफान मांडोत ने अनेक गीतों की प्रस्तुतियां दी। महिला मंडल से श्री मति शांतिजी सकलेचा ने स्वागत वक्तव्य के साथ मधुर स्वर लहरियों से प्रस्तुति दी।
यह आयोजन फेसबुक लाइव के माध्यम से आयोजित किया गया। फेसबुक लिंक से जुड़ कर कार्यक्रम में अनेक श्रावक-श्राविकाओं ने भक्ति स्वरों का आनन्द लिया। श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा बेंगलुरु के अध्यक्ष श्री सुरेश दक, मंत्री नवनीत मुथा, तेरापंथ युवक परिषद के पदाधिकारी, तेरापंथ महिला मंडल मंत्री लता जी गादिया, अणुव्रत समिति अध्यक्ष श्री कन्हैया लाल चिप्पड़ विशेष उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन तेयुप मंत्री श्री प्रशन्न धोका ने व आभार उपाध्यक्ष श्री दीपक बाबेल ने दिया।
आचार्य भिक्षु से महाश्रमण का यह नन्दन वन है तेरापंथ: साध्वी श्री अणिमा श्री जी
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