मुंबई:महाराष्ट्र में सत्ताधारी दल शिवसेना ने बुधवार को कहा कि भाजपा महा विकास आघाडी की सरकार गिरा नहीं पा रही है इसलिए ‘भ्रमित’ हो गई है। इससे पहले महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने शिवसेना के साथ सुलह करने संबंधी बयान दिया था जिससे पार्टी के नेता नाराज हो गए थे। कहा जा रहा है कि पाटिल का बयान, महाराष्ट्र के लिए पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा के ‘अकेले दम’ पर चलने के निर्णय के विरुद्ध है।
वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट किया था कि भाजपा और शिवसेना दोनों में से किसी ने भी पुनः एक साथ आने का प्रस्ताव नहीं दिया। शिवसेना ने कहा कि हालांकि नरेंद्र मोदी सरकार कोविड-19 की स्थिति को अच्छी तरह संभाल रही है, लेकिन भाजपा शासित प्रदेशों जैसे- मध्य प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक और हरियाणा में स्थिति खराब हो रही है।
पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा गया, ‘ऐसे ज्यादातर राज्यों में भाजपा ने पिछली सरकारों को अस्थिर कर सत्ता हासिल की है।’ शिवसेना ने कहा कि भाजपा को इस भ्रम में नहीं रहना चाहिए कि राज्य के हितों की रक्षा भाजपा के साथ आने से ही होगी। पाटिल ने एक मराठी समाचार चैनल से कहा था, ‘राज्य के हित के लिए यदि भाजपा संसदीय बोर्ड राज्य की इकाई को शिवसेना से गठबंधन करने का सुझाव देता है… तब भी मैं एक बात स्पष्ट करना चाहता हूं कि दोनों पार्टियां एक साथ आ भी गईं तब भी हम भविष्य में एक साथ चुनाव नहीं लड़ेंगे।’
इस पर पलटवार करते हुए शिवसेना ने कहा, ‘केवल इसलिए कि आप महाराष्ट्र में अपनी राजनीति नहीं चमका पा रहे हैं, आप राज्य के अस्तित्व पर आक्षेप नहीं लगा सकते।’