नई दिल्ली:तिहाड़ जेल प्रशासन ने बुधवार को दिल्ली की एक अदालत को बताया कि दिल्ली दंगों के दौरान निहत्थे दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल पर पिस्तौल तानने वाले शाहरुख पठान को फिलहाल हाई रिस्क सेल से बाहर शिफ्ट करने की कोई योजना नहीं है।
तिहाड़ की एक हाई रिस्क वाले सुरक्षा वाली जेल में बंद शाहरुख पठान ने दावा किया था कि जेल अधिकारी उसे अन्य कैदियों के साथ एक सामान्य सेल में शिफ्ट करने की योजना बना रहे थे जो उसके जीवन के लिए खतरनाक है।
इस कथित दावे के खिलाफ उसके द्वारा दिए गए एक आवेदन के जवाब में, तिहाड़ जेल नंबर 4 के ड्यूटी अधीक्षक ने बुधवार को अदालत को बताया कि फिलहाल शाहरुख पठान को अपने वर्तमान सेल से बाहर स्थानांतरित करने की कोई योजना नहीं है।
इसके बाद मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट फहद्दुद्दीन ने यह कहते हुए उस आवेदन का निस्तारण कर दिया कि तिहाड़ सेंट्रल जेल नंबर 4 डिप्टी सुपरिंटेंडेंट के जवाब के मद्देनजर आगे की कार्रवाई की आवश्यकता नहीं है।
शाहरुख पठान ने अपने आवेदन में कहा था कि वह उच्च-जोखिम वाले कैदियों के साथ ही रहना चाहता था क्योंकि ऐसी आशंकाएं हैं कि अगर उसे किसी सामान्य कैदी के साथ रखा जाता है तो उसके साथ हर तरह की अप्रिय घटना हो सकती है। उसने यह दावा करते हुए आवेदन दायर किया था कि जेल अधिकारियों द्वारा उसे मौखिक रूप से सूचित किया गया था कि उसे हाई रिस्क वाले कैदियों के सेल से सामान्य कैदियों वाले सेल में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
23 साल के शाहरुख पठान को 3 मार्च को उत्तर प्रदेश के शामली जिले से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और शस्त्र अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। पुलिस ने कहा कि उसके घर से पिस्तौल बरामद की गई थी।
दिल्ली दंगों के दौरान एक वायरल वीडियो में दिल्ली के घोंडा क्षेत्र के निवासी शाहरुख पठान को 24 फरवरी को जाफराबाद-मौजपुर मार्ग पर एक पुलिसकर्मी पर अपनी पिस्तौल तानते देखा गया था।