मुंबई: कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच बॉम्बे हाईकोर्ट ने जेल अधिकारियों को कैदियों की रेंडम टेस्टिंग का आदेश दिया और इसके अस्थायी रूप से वेबसाइट पर डाले जाने को कहा है। अदालत ने जेलों में कोविड -19 के प्रसार को रोकने के जेल अधिकारियों को आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों का पालन करने का निर्देश भी दिया है।
एक पीआईएल पर यह फैसला दिया
हाईकोर्ट ने पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल), अर्चना रूपवते और देवमणि शुक्ला द्वारा दायर पीआईएल की सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया है। इसमें मौजूदा कैदियों के लिए देखभाल और सुरक्षा उपायों में सुधार और जांच के लिए कदम उठाने संबंधित मांग की गई थी।
राज्य सरकार की कमेटी ने भी रेंडम टेस्टिंग की बात कही है
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि जेल की हाईलेवल कमेटी पहले ही कैदियों की जांच की बात कह चुकी है। इसी मामले में राज्य सरकार ने शुक्रवार को कहा था कि सभी जेल कैदियों का एक साथ कोविड-19 परीक्षण संभव नहीं है। लेकिन यहां रेंडम टेस्टिंग कर सकता है। सरकार की ओर से बताया गया है कि महाराष्ट्र कि जेलों में 60 साल से ज्यादा के 1,414 सीनियर सिटीजन सजा काट रहे हैं। जिसमें से कई विभिन्न बीमारियों से ग्रसित हैं।
राज्य की विभिन्न जेलों में 29 हजार कैदी बंद
पीयूसीएल द्वारा कैदी के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला कि 31 मई से 19 जून के बीच महाराष्ट्र की कुछ जेलों में कैदियों की संख्या बढ़ी है। 19 जून तक राज्य की विभिन्न जेलों में 28,950 कैदी बंद थे।
363 कैदी और 102 जेल कर्मचारी अब तक हुए संक्रमित
गुरुवार सुबह तक राज्य की विभिन्न जेलों में बंद 363 कैदी और 102 जेल कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं। संक्रमित चार कैदियों की मृत्यु भी हो चुकी है। सबसे जादा बुरा हाल मुंबई सेंट्रल जेल का है, जहां कुल 181 कैद और 44 जेल कर्मचारी कोरोना संक्रमित है। हालांकि, इनमें से 255 कैदी और 82 जेल कर्मचारी ठीक भी हो चुके हैं।
नागपुर जेल में 53 लोग हुए कोरोना संक्रमित
नागपुर सेंट्रल जेल में बुधवार को कुल 44 लोगों में जानलेवा वायरस की पुष्टि हुई है। जिसके बाद जेल में संक्रमितों की संख्या 53 हो गई। इनमें से ज्यादातर पुलिसकर्मी हैं। इनमें दो वरिष्ठ जेलर, तीन पुलिस उपनिरीक्षक, 27 कांस्टेबल और 12 कैदी शामिल हैं।