- एलईडी टीवी-वाईफाई लगा मेडिटेशन, योगा और लाफ्टर थेरेपी के ज़रिए मरीजों को तनाव से उबारने की करनी चाहिए पहल
- मुम्बई में फीवर एवं विभिन्न चेकअप कैम्प, क्वारन्टीन और आइसोलेशन सेंटर में मरीजों को मेडिटेशन और योगा करवा किया जा रहा है तनाव मुक्त
- कोरोना मरीजों से दूरियां बढ़े, सामाजिक बहिष्कार नहीं, उन्हें व उनके परिवार को हरसम्भव सहायता करने की बात कह रहे हैं सामाजिक कार्यकर्ता
कमर बेग/विरार। चीन के वुहान शहर से निकल कर कोरोना विश्व महामारी में बदल चुका है, इससे हमारे देश का कोई भी राज्य अछूता नहीं रहा । केंद्र और राज्य सरकारें इसके लिए युद्धस्तर पर काम कर रही हैं, इसके उपाय योजना में सरकारें ज़िला स्तर पर काम कर रही हैं। ठीक ऐसे ही विभिन्न मनपा प्रसाशन भी अपने स्तर पर बड़े कदम उठा रही हैं। कोरोना के लक्षण वाले मरीजों को उपचार के लिए क्वारन्टीन और आइसोलेशन में रखा जाता है। आज जिस तरह से मामले बढ़ रहे हैं, वह चिंता का विषय है, हालांकि रिकवरी रेट भी 50 प्रतिशत के लगभग पहुंच रहा है और मौतें भी लगातार बढ़ रही हैं। मुम्बई मनपा क्षेत्र में मनपा के साथ विभिन सामाजिक संस्थाएं कोरोना की लडाई में साथ देते हुए धारावी जैसे हॉटस्पॉट में फीवर कैम्प और घर-घर जा कर थर्मल स्क्रिनिग और टेस्ट पर काम कर रही हैं। इसी के साथ क्वारन्टीन और आइसोलेशन सेंटरों में एलईडी टीवी और वाई फाई लगा कर मरीजों को तनाव मुक्त रखने के लिए मेडिटेशन, लॉफ्टर थेरेपी तथा योगा करवाया जा रहा है। जानकारी के अनुसार वरली स्थित एनएससीआई में बने कोविड सेंटर में अब 1243 मरीजों को मेडिटेशन थेरपी उपलब्ध कराई जा रही है।
मुंबई के योग विद्या प्राणिक हीलिंग फाउंडेशन ने यहां भर्ती मरीजों को जूम ऐप के जरिए मेडिटेशन थेरपी दी। इसमें सभी मरीजों ने भाग लिया। मुंबई में भर्ती कोरोना मरीजों को लाफिंग थेरपी, योगा और अंताक्षरी के जरिए नॉर्मल रखा जा रहा है, क्योंकि यहां दो कोरोना मरीज डिप्रेशन में आत्महत्या कर चुके हैं। 14 दिन के क्वारन्टीन में रह रहे मरीज भय में रहते हैं, उनके इसी भय और तनाव से मुक्त रखने के लिए यह कदम उठाए गए हैं।
वसई-विरार में भी इसी तरह क्वारन्टीन और आइसोलेशन में एलईड़ी व वाईफाई लगा कर मरीजों को मेडिटेशन, लॉफिंग और योगा थेरेपी करवाने के लिए सामाजिक संस्थओं, उद्योगपतियों व डॉक्टरों की संस्थाओं को आकर मनपा के साथ काम करने की ज़ख़्त ज़रूरत सामाजिक कार्यकर्ता बता रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि मनपा फिलहाल आर्थिक परिस्थितियों से गुजर रही है। टैक्स से चलने वाली मनपा को फिलहाल टैक्स बंद होने से आर्थिक तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है। मनपा आयुक्त गंगाथरन डी मनपा की बचत करने और ज़रूरी संसाधन पर ही खर्च करने को बल दे रहे हैं। चन्दनसार में ट्रॉमा सेंटर को डेडिकेटेड कोवीड 19 के 150 बेड के हॉस्पिटल को बनाने पर पूरा जोर दिया है, जिसे जल्द से जल्द शुरू करने की दिशा में काम किया जा रहा है।
विरार के म्हाडा के फ्लैट में क्वारन्टीन सेंटर बनाये गए हैं, जहां मरीजों को रखा जा रहा है। इसी के साथ वसई के जिजाई कॉलेज और वरुण इंडस्ट्री में क्वारन्टीन सेंटर हजारों बेड के बन रहे हैं। ऐसे में इन सेंटरों में मरीजों के लिए एलईडी टीवी लगा कर मरीजों को थेरेपी के लिए सामाजिक संस्थाओं और मेडिकल संस्थाओं को आगे आना चाहिए साथ ही कारोबारियों और व्यापारियों को भी ऐसे सेंटरों में मरीजों के लिए एलईडी और वाई फाई की व्यवस्था करवाने में मनपा के साथ अपनी भूमिका निभानी चाहिए। ऐसा कहना है सामाजिक कार्यकर्ताओ का जो इस के साथ कोरोना मरीजों से या उनके परिवारों से दूरियों के साथ सामाजिक उत्तरदायित्व निभाने की बात कहते हैं।
अगर आपके इमारत या आस-पास के घरों या रिश्तेदारों में किसी को कोरोना संक्रमण हुआ है तो उससे दूरियां बनाएं लेकिन सामाजिक बहिष्कार ना करें। उनको और उनके परिवार को नियम और दूरियों से हर संभव मदद पहुंचाने का प्रयास करें। उनका हौसला बढ़ाएं क्योंकि वह भी हमारे समाज का हिस्सा हैं। वह कोरोना से लड़कर हमारे समाज में ही आएंगे। इसी के साथ मनपा ने जो क्वारन्टीन और आइसोलेशन बनाया है उसमें मरीजों को तनावमुक्त रखने के लिए उद्योगपतियों, व्यापारियों व डॉक्टरों की सामाजिक संस्थओं को आगे आकर एलईडी टीवी और वाईफाई के ज़रिए मेडिटेशन, लॉफिंग और योगा थेरपी करवाने की दिशा में काम करने की सख्त जरूरत है ताकि मरीजों को उनकी मनोदशा सुधारने में पहल कर उन्हें अच्छा किया जा सके।
– शंकर झा, सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता, वसई विरार