– भदोही से दो बार रह चुके हैं डा. पूर्णमांसी पंकज भाजपा से विधायक
– बदले दौर की राजनीति में रसूख से अलग सादगी से जीते हैं जिंदगी
प्रभुनाथ शुक्ल/भदोही । जब राजनीति रसूख का प्रतीक बन गई हो उस स्थिति में राजनेता बनना बेहद मुश्किल है। आजकी राजनीति बिलासिता और वैभव का दूसरा नाम है। लेकिन दुनिया में कालीन नगरी के नाम से मशहूर भदोही जिले में बीजेपी से दो बार विधायक रह चुके डा. पूर्णमांसी पंकज बिल्कुल अलग है। उनकी सादगी बेजोड़ है। वह राजनीति के इस दौर में भी घर में खाट की बुनाई, गाय और दूसरे मवेशियों के लिए चारा ख़ुद काटते हैं। फसलों की कटाई वह स्वयं करते हैं। पूर्व विधायक की फ़ेसबुक वाल पर उनकी सादगी से आप रूबरू हो सकते हैं। घर में खाट की बुनाई करते हुए उन्होंने ख़ुद फ़ेसबुक वाल पर तस्वीर शेयर की है।
भदोही सुरक्षित सीट से दो बार विधायक रह चुके डॉक्टर पूर्णमासी पंकज राजनीति के बदले दौर में भी अपने को अलग रखते हैं। वह खुद गायों के लिए चारा काटने से लेकर गोबर उठाने तक में संकोच नहीं करते हैं। ज़रूरत पर फसल की कटाई और खाट भी बुन लेते हैं। खेती-किसानी के बीच वह अपनी सियासी वाकपटुता वाली कविताओं से भी अलग पहचान रखते हैं।
डॉ. पूर्णमासी पंकज भदोही विधानसभा से दो बार विधायक रह चुके हैं। उस समय भदोही सुरक्षित विधानसभा होती थी। 1991 में बीजेपी के टिकट पर वह भदोही सुरक्षित से विधायक बने थे। लेकिन 1992 में राम मंदिर आंदोलन की वजह से कल्याण सिंह की सरकार जाने के बाद उन्हें भी अपनी विधानसभा सदस्यता गंवानी पड़ी थी, क्योंकि विवादित ढांचा गिराए जाने के बाद कल्याण सिंह की सरकार बर्खास्त कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था। बाद में 1993 में भी वह चुनावी मैदान में उतरे लेकिन एसपी-बीएसपी गठंबधन की वजह से हार का सामना करना पड़ा। हालांकि 1996 में वह दोबारा विधायक बने। उस दौरान भदोही के विकास में कई कड़ियां जुड़ीं। वह भदोही जिले के अभोली ब्लॉक के गड़ौरा गांव के रहने वाले हैं। एमए,बीएड के साथ उन्होंने अर्थशास्त्र में पीएचडी भी की है।
राजनीति में पद और प्रतिष्ठा पाने के बाद लोगों का रुतबा बढ़ जाता है। विधायक और सांसद महंगी गाड़ियां और संगीनों के साए में चलते हैं। करोड़ों की संपत्ति जुटा ली जाती है। लेकिन बीजेपी के पूर्व विधायक पूर्णमासी पंकज ने भदोही से दो बार विधायक होने के बाद भी अपनी सादगी को कायम रखा। विधायक बनने के पहले वह निजी स्कूल में पढ़ाते थे। अब राज्य सरकार से मिलने वाली पेंशन से उनका जीवन चल रहा है।
पूर्व विधायक डॉ. पूर्णमासी पंकज कहते हैं कि राजनीति तो करनी है लेकिन घर की जिम्मेदारी भी निभानी है। हाल में उन्होंने फ़ेसबुक पर घर के खाट की बुनाई करते पोस्ट डाली है। घर पर उन्होंने गाएं पाल रखी हैं, उसके लिए खुद चारा काटते हैं और सुबह गायों का गोबर उठाते हैं। फसलों की कटाई और मड़ाई का जब मौसम होता है तो वह गेहूं, जौ, अरहर, मटर की फसलों की कटाई भी करते हैं। भदोही की सियासत में डॉ. पूर्णमासी पंकज सादगी की मिसाल हैं। उनकी कविताओं के भी लोग कायल हैं।
भदोही : पूर्व विधायक ख़ुद बुनते हैं घर की खाट और काटते हैं गाय का चारा
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