नई दिल्ली:भारत सरकार ने विदेशों में फंसे प्रवासी भारतीय नागरिक (ओसीआई) कार्ड धारकों की कुछ श्रेणियों को भारत की यात्रा करने की अनुमति दी है। इनमें विदेशों में भारतीय नागरिकों के पैदा हुए नाबालिग बच्चे शामिल हैं जो ओसीआई कार्ड रखते हैं। इसके अलावा जो लोग परिवार की आपात स्थिति में जाना चाहते हैं या विश्वविद्यालय के छात्र जो घर जाना चाहते हैं, जो ओसीआई कार्ड धारक हैं, लेकिन उनके माता-पिता भारतीय नागरिक हैं, वे भी घर जा सकेंगे।
यह घोषणा शुक्रवार को गृह मंत्रालय द्वारा की गई और वंदे भारत मिशन के तीसरे चरण तहत ही वापस लाया जाएगा। 16 मई को शुरू हुए दूसरे चरण में 47 देशों की 160 से अधिक उड़ानों में लगभग 32,000 नागरिकों को वापस लाया गया। गृह मंत्रालय का आदेश आंशिक रूप से सैकड़ों हजारों लोगों की मुसीबत हल करता है। कोरोना वायरस प्रकोप के मद्देनजर उनके वीजा को अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर प्रतिबंध लगाने के बाद निलंबित कर दिया गया था।
आदेश के अनुसार, अब विदेशों में फंसे भारतीय कार्डधारकों के प्रवासी नागरिकों की निम्नलिखित श्रेणियों को अनुमति देने का निर्णय लिया गया है।
1) भारतीय नागरिकों के विदेशों में जन्म लेने वाले और छोटे बच्चे जिनके पास ओसीआई कार्ड है।
2) ओसीआई कार्डधारक जो परिवार में मृत्यु जैसी परिवार की आपात स्थिति के कारण भारत आना चाहते हैं।
3) जोड़े जहां पति / पत्नी में सो एक ओसीआई कार्डधारक हैं और अन्य एक भारतीय नागरिक हैं और उनका भारत में एक स्थायी निवास है।
4) विश्वविद्यालय के छात्र जो ओसीआई कार्डधारक हैं।