मुंबई। जैन धर्म का प्रमुख पर्व संवत्सरी का आयोजन बड़े हर्षोल्लास से घाटकोपर में मनाया गया। समणी Dr. मल्लिप्रज्ञाजी एवं समणी जी भास्कर प्रज्ञाजी के सानिध्य में सम्पूर्ण तेरापंथ समाज घाटकोपर में आद्यात्मिक पर्व का आयोजन हुवा। समणी जी मल्लिप्रज्ञाजी ने संवत्सरी की प्रासंगिकता एवं प्राचीनता को बताकर भगवान ऋषभ की जीवन चरित्र को विस्तारपूर्वक बताया एवं कालचक्र, कुलकर परम्परा आदि के बारे में जानकारी दी। जैन जीवन शैली को आधुनिक ढंग से बताकर वर्तमान में कैसे जीवन जिए इस पर विस्तार से प्रकाश डाला।
समणी Dr. भास्कर प्रज्ञाजी ने आगम की पूर्व परम्परा को बताते हुए उत्तराध्ययन सूत्र का वाचन किया। भगवान महावीर की जीवन चरित्र का बताते हुए उनके केवल्य, सिदान्त, मोक्ष आदि के बारे में सूक्ष्मता से बताया।उसके पश्चयात आचार्य सुधर्मा से लेकर आचार्य महाश्रमण तक की आचार्य परम्परा एवं उनके अनुवादों की विशेष चर्चा की।
श्रमापान दिवस पर श्री भिक्षु सिरियारी संस्थान के अध्यक्ष श्रीमान ख्यालीलाल तातेड़, अखिल भारतीय महिला मंडल की राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती कुमुद कच्छारा, अखिल भारतीय युवक परिषद के महामंत्री संदीप कोठारी, मुंबई महिला मंडल की अध्यक्षा श्रीमती जयश्री बड़ाला, मुम्बई कन्यामण्डल संयोजिका मानसी वागरेचा, मुम्बई तेरापंथी सभा से निर्मल कुमठ, महासभा से रमेश सुतरिया, घाटकोपर महिला मंडल संयोजिका मंजू कुमठ, कुर्ला से सुरेश राठौड़, तेयुप घाटकोपर अध्यक्ष लोकेश डाँगी एवं मंत्री राकेश बड़ाला आदि सभी से पूज्य गुरुदेव से एवं सभी चारित्र आत्माओं से खमत खामणा की। पर्युषण कालीन सभी व्यस्थाओ में घाटकोपर तेयुप, महिला मंडल का विशेष योगदान रहा।लगभग 670 पोषध एव 1100 के ऊपर सामूहिक पारणे संपन्न हुवे।संचालन तेयुप घाटकोपर अध्यक्ष लोकेश डाँगी ने किया। यह जानकारी तेयुप घाटकोपर मंत्री राकेश बड़ाला ने दी।
घाटकोपर में संवत्सरी पर्व का विशाल आद्यात्मिक आयोजन
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