किसी को कष्ट न पहुंचाने वाली आत्मा मित्र : आचार्य महाश्रमण
शांतिदूत का कल महाराष्ट्र स्तरीय भव्य स्वागत समारोह
25-02-2020, मंगलवारवार, कोल्हापुर, महाराष्ट्र। सद्भावना, नैतिकता एवं नशामुक्ति के उद्देश्य के साथ अहिंसा यात्रा द्वारा महाराष्ट्र में जन कल्याण हेतु यात्रायित शांतिदूत आचार्य श्री महाश्रमण जी का आज कोल्हापुर में भक्ति-पूजा श्री उत्तम जी पगारिया के निवास स्थान पर पदार्पण हुआ। इस अवसर पर मुनि श्री लक्ष्यकुमारजी के संसार पक्षीय ज्ञाती पगारिया परिवार अपने आराध्य के स्वागत में भावविभोर हो उठे। प्रातः महावीर भवन से लगभग 2 किलोमीटर का विहार कर आचार्यश्री धवल सेना के संग यहां पधारे तत्पश्चात प्रवचन सभा में जब पूज्यवर का पदार्पण हुआ तो कोल्हापुर श्रावक समाज ने भव्य पारंपरिक जुलूस के साथ शांतिदूत का अभिनंदन किया। इस अवसर पर मुंबई से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने 400 फीट लंबे बैनर के साथ ज्योति चरण के नारे लगाते हुए अपने श्रद्धा भाव व्यक्त किए।
परमपूज्य आचार्यप्रवर ने अपने मंगल प्रवचन में कहा कि हमारी दुनिया में कइयों के मित्र होते हैं और कइयों के दुश्मन भी हो सकते हैं। मित्रता और शत्रुता व्यावहारिक जगत में चलती है। अपनी दुरात्मा बनी हुइ आत्मा जितना व्यक्ति का नुकासान करती है, उतना नुकसान दूसरा व्यक्ति नहीं करता। जो दुरात्मा का जीवन जीता है, उसे जीवन के अन्त में पछताना पड़ सकता है। चार शब्द है-दुरात्मा, सदात्मा, महात्मा और परमात्मा। वहीं जो आत्मा दूसरों का भला करती है किसी को कष्ट नहीं पहुंचाती वह हमारी मित्र बन जाती है।
मुख्य प्रवचन कार्यक्रम के दौरान परमपूज्य आचार्यप्रवर के मंगल प्रवचन से पूर्व महाश्रमणजी साध्वीप्रमुखाजी ने अपने उदबोधन में कहा कि आज कोल्हापुर में एक उत्सह जैसा माहौल है। गीत गाये जा रहे है, वाद्य बज रहे हैं और ऐसा प्रतीत हो रहा है कि लोगों का उत्साह उनके हृदयों में समा नहीं है। आचार्यप्रवर जहां पधारते हैं, लोगों को चारित्र को उन्नत बनाने की प्रेरणा देते है।
पूज्यप्रवर ने कोल्हापुरवासियों को अहिंसा यात्रा के विषय में अवगति प्रदान करते हुए संकल्पत्रयी स्वीकार करवाई। संसारपक्ष में कोल्हापुर से संबंधित मुनि लक्ष्यकुमारजी ने अपने हृदयोदगार व्यक्त किए। मुमुक्षु अर्हम रूणवाल ने भी अपनी भूमि पर अपने आराध्य के स्वागत में अपनी भावाभिव्यक्ति दी। कोल्हापुर तथा पश्चिम महाराष्ट्र स्तरीय तेरापंथी सभा के अध्यक्ष श्री उत्तमचंद पगारिया, स्थानीय सभा के मंत्री श्री प्रमोद बुच्चा, श्रीमती ज्योति रुणवाल, श्रीमती मधु पगारिया, सूरत से समागत श्री राजेश सुराणा, मूर्तिपूजक समाज की ओर से श्री दीपक ओसवाल, भारत जैन संगठन के श्री पारस ओसवाल ने पूज्यप्रवर की अभ्यर्थना में अपनी भावाभिव्यक्ति दी।
तेरापंथ महिला मंडल की महिलाओं ने स्वागत गीत का संगान किया। ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों ने अपनी प्रस्तुति दी। तेरापंथ कन्या मंडल और तेरापंथ किशोरमंडल के सदस्यों ने अपनी प्रस्तुति से अपने आराध्य का अभिनन्दन किया। कल अहिंसा यात्रा प्रणेता आचार्य श्री महाश्रमण जी का महाराष्ट्र स्तरीय भव्य स्वागत समारोह आयोजित होगा।
चतुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति-मुम्बई के अध्यक्ष श्री मदनचंद तातेड़ ने अपने आस्थासिक्त भावों को अभिव्यक्त किया। मुम्बई तेरापंथ समाज द्वारा गीत का संगान किया गया ।