आज सरोजिनी नायडू की 140वीं जयंती है। सरोजिनी नायडू को नाइटेंगल ऑफ इंडिया के नाम से जाना जाता है। सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी 1879 को हैदराबाद में हुआ था। उनके पिता एक वैज्ञानिक थे और उनकी माता एक फिलोस्फर थीं। पढ़ाई में नायडू बहुत होशियार थीं उन्होंने मद्रास यूनिवर्सिटी से मैट्रिक परीक्षा में टॉप किया था।
16 साल की उम्र में सरोजिनी नायडू हायर एजुकेशन के लिए इंग्लैंड चली गई। वहां उन्होंने किंग्स कॉलेज, लंदन और गिरटन कॉलेज में पढ़ाई की। उनकी शादी डॉ. गोविन्द राजालु नायडू के साथ 19 साल की उम्र में हुई। सरोजनी नायडू का बचपन से ही कविताओं में बहुत रुचि थी। 2 मार्च 1949 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया।
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सरोजिनी नायडू इंडियन नेशनल कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष थीं। यही नहीं वो भारतीय राज्य (गवर्नर ऑफ यूनाइटिड प्रोविनस, अब उत्तर प्रदेश) की पहली महिला गर्वनर भी बनीं।
सरोजिनी नायडू ने 1915 से 1918 तकभारत के स्वतंत्रता के आंदोलनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। गोपाल कृष्ण गोखले, रविंद्र नाथ टैगोर, एनि बेसैंट, महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरू से खास पर जुड़ीं रहीं।
1925 में साउथ अफ्रीका में ईस्ट अफ्रीकन इंडियन कांग्रेस की अध्यक्षता की और उन्हें ब्रिटिश सरकार की तरफ से केसर-ए हिंद के मेडल से नवाजा गया। यह मेडल उन्हें भारत में प्लेग की महामारी के दौरान उनके काम के लिए दिया गया था।
गोल्डन थ्रैशोल्ड उनका पहला कविता संग्रह था। उनके दूसरे तथा तीसरे कविता संग्रह बर्ड ऑफ टाइम तथा ब्रोकन विंग ने उन्हें एक सुप्रसिद्ध कवयित्री बना दिया।