नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सीएए-एनआरसी पर सोमवार को विपक्षी पार्टियों की बैठक बुलाई थी, जिसमें 15 दलों के नेता शामिल हुए। हालांकि, बसपा, तृणमूल, आप और शिवसेना इस बैठक में शामिल नहीं हुए। सोनिया ने बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर सीएए-एनआरसी के मुद्दे पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया जबकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को आर्थिक मुद्दों और बेरोजगारी पर युवाओं से बात करने की चुनौती दी है।
सोनिया ने कहा- मोदी और शाह अपने पहले दिए गए बयानों से पलट गए। दोनों भड़काऊ बयान देते रहे। मोदी-शाह ने दोनों ही मुद्दों पर लोगों को गुमराह किया और ये लोग सरकारी दमन और हिंसा को मूकदर्शक बनकर देखते रहे। लोगों की हिफाजत करने में नाकाम रहने पर मोदी-शाह का असली चेहरा उजागर हो गया है।
उप्र और दिल्ली पुलिस का रवैया बर्बर: सोनिया
सोनिया ने कहा कि दोनों कानूनों के खिलाफ देशभर में युवाओं के प्रदर्शन को आम लोगों ने समर्थन दिया। युवाओं के प्रदर्शनों की तात्कालिक वजह सीएए-एनआरसी रही, लेकिन असल में यह सरकार की विफलता के खिलाफ युवाओं की नाराजगी और हताशा है, जो अब नजर आने लगी है। युवाओं के साथ उत्तर प्रदेश और दिल्ली पुलिस का रवैया बर्बर और पक्षपात भरा रहा।
मोदी आर्थिक मुद्दों पर बात करने का साहस दिखाएं: राहुल
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा- मैं प्रधानमंत्री मोदी को चुनौती देता हूं कि वे यूनिवर्सिटी जाएं और छात्रों से कहें कि आखिर वे रोजगार पैदा करने और अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए क्या करने वाले हैं। उन्होंने कहा- प्रधानमंत्री को युवाओं से आर्थिक चुनौतियां और बेरोजगारी के मुद्दे पर बात करने का साहस दिखाना चाहिए। उनमें ऐसा करने की हिम्मत ही नहीं है।
बैठक में कौन से बड़े नेता शामिल
विपक्ष की संयुक्त बैठक में प्रमुख रूप से शरद पवार (राकांपा), सीताराम येचुरी और डी राजा (वाम दल), हेमंत सोरेन (झामुमो), शरद यादव (एलजेडी), उपेंद्र कुशवाहा (राष्ट्रीय लोक समता पार्टी), मनोज झा (राजद), हसनैन मसूदी (नेशनल कॉन्फ्रेंस) शामिल हुए। वहीं, कांग्रेस से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, गुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल भी बैठक में शामिल हुए।
ममता ने कहा- वामपंथी-कांग्रेस आंदोलन नहीं, बर्बरता कर रहे
ममता बनर्जी ने पिछले हफ्ते ट्रेड यूनियन की स्ट्राइक के दौरान वामदलों और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़पों की वजह से घोषणा की थी कि वह विपक्षी बैठक में शामिल नहीं होंगी। उन्होंने कहा था- मैंने ही विपक्ष को बैठक का विचार दिया। राज्य में जो हुआ, इसकी वजह से मेरे लिए अब बैठक में शामिल होना संभव नहीं है। सीएए-एनआरसी के नाम पर वामपंथी और कांग्रेस जो कर रहे हैं, वह आंदोलन नहीं, बल्कि बर्बरता है।
मायावती ने प्रियंका की पीड़ितों से मुलाकात को ड्रामा बताया था
मायावती ने भी हाल ही में राजस्थान में कोटा के एक अस्पताल में बच्चों की मौत के आंकड़ों को लेकर सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि अगर कांग्रेस महासचिव बच्चों को खोने वाली माताओं से मिलने के लिए कोटा नहीं जाएंगी, तो उत्तर प्रदेश में पीड़ित परिवारों के साथ उनकी मुलाकात को राजनीतिक हित और ड्रामा ही माना जाएगा।
शिवसेना और आप ने कहा- हमें बैठक की जानकारी नहीं
शिवसेना और आम आदमी पार्टी ने कहा कि उसे दिल्ली में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा बुलाई गई विपक्ष की बैठक की जानकारी नहीं थी। लोकसभा में शिवसेना संसदीय दल के नेता विनायक राउत ने न्यूज एजेंसी से कहा- हमें ऐसी किसी बैठक में नहीं बुलाया गया, इसलिए अब तक हमने इसमें शामिल होने के बारे में कोई फैसला नहीं लिया। आप नेता संजय सिंह ने कहा- हमारी पार्टी को इस बैठक के बारे में जानकारी नहीं दी गई। ऐसे में बैठक में शामिल होने का सवाल ही नहीं उठता।