नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को नए पासपोर्ट पर कमल का निशान छापे जाने के विवाद पर सफाई दी। मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘‘ऐसा सिक्युरिटी फीचर को मजबूत करने के लिए किया गया है। इसे अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) के दिशा-निर्देश पर पेश किया गया है। कमल के अलावा बारी-बारी से देश के अन्य चिह्नों का भी इस्तेमाल किया जाएगा। अभी यह कमल है। अगले महीने कुछ और होगा।’’
कांग्रेस सांसद एम के राघवन ने बुधवार को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान केरल के कोझिकोड में कमल प्रिंट वाले पासपोर्ट बांटे जाने का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा, यह सरकारी संस्थानों का भगवाकरण करने की कोशिश है, क्योंकि ‘कमल’ भाजपा का चुनाव चिह्न है। मैं सरकार से इसे वापस लेने के साथ ही जांच की मांग करता हूं। विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी सदन में विदेश मंत्री एस जयशंकर से इस मुद्दे पर जवाब देने की मांग की थी।
देश के सभी 36 पासपोर्ट कार्यालयों में इसका इस्तेमाल शुरू हो गया
नए पासपोर्ट में कमल का चिन्ह दूसरे पेज पर बने आयातकार स्थान पर छापा गया है। पहले इस स्थान पर पासपोर्ट अधिकारी की सील और हस्ताक्षर होते थे। वहीं पासपोर्ट धारक का नाम और पता दर्ज करने के लिए अलग कॉलम हटा दिए गए हैं। इसमें कुछ नए कोड भी जोड़े गए हैं और देश के सभी 36 पासपोर्ट कार्यालयों में इसका इस्तेमाल शुरू हो गया है। नए पासपोर्ट को छापने का काम नासिक की करेंसी नोट प्रेस में किया गया है। विदेश मंत्रालय के अलावा नेशनल इंफॉरमेटिक्स सेंटर (एनआईसी) भी इस काम से जुड़ा है।