तेलंगाना में वेटरनरी डॉक्टर की हत्या और सामूहिक दुष्कर्म के चारों आरोपी शुक्रवार सुबह एनकाउंटर में मारे गए। 10 पुलिसकर्मियों की टीम सबूत जुटाने के लिए आरोपियों को लेकर घटनास्थल पर पहुंची थी। केस की जांच साइबराबाद कमिश्नर वीसी सज्जनार की अगुआई में चल रही है। पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने पुलिस पर हमलाकर भागने की कोशिश की थी। 1996 बैच के आईपीएस सज्जनार की छवि एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की रही है। 11 साल पहले भी उन्हीं की अगुआई में एसिड अटैक के 3 आरोपी इसी तरह मारे गए थे। तब कॉलेज छात्र कई दिन तक उनसे मिलने के लिए घर पहुंचे थे।
- सज्जनार 2008 में वारंगल के एसपी थे। तब आरोपी एस श्रीनिवास राव दो दोस्तों के साथ मिलकर इंजीनियरिंग छात्रा पर एसिड फेंका था। क्योंकि उसने श्रीनिवास का लव प्रपोजल ठुकरा दिया था। घटना से इलाके में काफी गुस्सा था। सज्जनार की अगुआई में पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन कुछ घंटे बाद ही आरोपी एनकाउंटर में मारे गए थे।
- इसके बाद सज्जनार कॉलेज छात्रों और इलाके के युवाओं के लिए किसी हीरो से कम नहीं थे। इस एनकाउंटर के बाद पीड़ित के कॉलेज की लड़कियां सज्जनार के घर पहुंची थीं और माला पहनाकर उनसे हाथ मिलाया था। कॉलेज में भी छात्र-छात्राओं ने मिठाइयां बांटीं और पुलिस के समर्थन में नारे लगाए थे। दुष्कर्म के आरोपियों के मारे जाने के बाद भी घटनास्थल पर पुलिस जिंदाबाद के नारे लगे।
11 साल पहले और आज के एनकाउंटर की एक जैसी थ्योरी
एसिड अटैक के आरोपियों के एनकाउंटर के बाद वारंगल पुलिस ने कहा था कि घटनास्थल पर सबूत जुटाने के दौरान वे सिपाहियों के हथियार छीनकर भाग रहे थे। इसी दौरान क्रॉस फायरिंग में मारे गए। आज हुए एनकाउंटर में भी साइबराबाद पुलिस ने ऐसी ही थ्योरी बताई है। दूसरी ओर, 2008 की घटना के बाद मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने दावा किया था कि त्वरित न्याय की मांग कर रही जनता के गुस्से को शांत करने के लिए सुनियोजित तरीके से तीनों को मारा था।
सज्जनार ने कई नक्सलियों का सरेंडर कराया था
सज्जनार कर्नाटक के रहने वाले हैं और 1996 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। साइबराबाद पुलिस कमिश्नर की जिम्मेदारी संभालने से पहले स्पेशल इंटेलिजेंस ब्रांच के आईजी रह चुके हैं। एंटी नक्सल यूनिट में रहने के दौरान उन्होंने कई नामी नक्सलियों का सरेंडर कराया था। अगस्त 2016 में सज्जनार के नेतृत्व में पुलिस ने नक्सली से गैंगस्टर बना मोहम्मद नईमुद्दीन को हैदराबाद पास मार गिराया था। उसने पुलिस पर एके47 से गोलियां चलाकर भागने की कोशिश की थी।