नई दिल्ली: भारत और जापान ने 2+2 समित के बाद शनिवार को साझा बयान में आतंकवाद के बढ़ते खतरे की निंदा की गई। दोनों देशों ने पाकिस्तान से चल रहे आतंकी नेटवर्क को क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना और ऐसे संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा। दोनों देशों के मंत्रियों ने आतंकवाद और हिंसक चरमपंथ का मुकाबला करने के लिए मजबूत अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी पर जोर दिया, जिसमें सूचना और खुफिया जानकारी को साझा करना शामिल है।
जापान के विदेश मामलों के मंत्री तोशिमित्सु मोतेगी और जापानी रक्षा मंत्री तारो कोनो ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। दोनों देशों के दल अपने नियंत्रण वाले सभी क्षेत्रों में किसी भी अन्य देश में आतंकवाद फैलाने वाले समूहों पर नियंत्रण करने पर सहमत हुए। वहीं आतंक के लिए अपनी जमीन का इस्तेमाल नहीं होने देने पर भी सहमति जताई।
मोदी ने कहा- हिंद महासागर में शांति, समृद्धि और स्थिरता का आधार भारत-जापान संबंध
2+2 वार्ता के तहत जापानी विदेश मामलों के मंत्री तोशिमित्सु मोतेगी और जापानी रक्षा मंत्री तारो कोनो शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिले। प्रधानमंत्री ने इस मुलाकात के बाद कहा कि हिंद महासागर में शांति, समृद्धि और स्थिरता की मुख्य चाबी भारत-जापान संबंध हैं। जापान के साथ भारत का संबंध हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए अहम है। इसके अतिरिक्त भारत के एक्ट ईस्ट पॉलिसी के लिए भी महत्वपूर्ण है।
भारत के साथ 2+2 में शामिल होने वाला जापान तीसरा देश
भारत अब तक दो देशों के साथ 2+2 वार्ता में शामिल रहा है। अमेरिका और भारत मंत्री स्तर पर 2+2 बैठक में शामिल होते हैं, जबकि ऑस्ट्रेलिया के साथ अभी सिर्फ अफसर स्तर पर 2+2 बातचीत होती है। यह सभी देश भारत के साथ चीन की विस्तारवादी वन बेल्ट, वन रोड (ओबीओआर) के जवाब में अपना सहयोग बढ़ा रहे हैं। माना जा रहा है कि भारत-जापान के बीच समिट इसी दिशा में बड़ा कदम होगा।
अमेरिका के साथ 2+2 वार्ता दिसंबर में
भारत और अमेरिका के बीच 2+2 स्तर की वार्ता 18 दिसंबर को वॉशिंगटन में होनी है। इसमें भी हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्वायत्तता पर चर्चा होने की संभावना है। भारत कई बार हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधियों पर चिंता जारी कर चुका है। इसी के चलते क्षेत्र में भारत का दखल बढ़ाने के लिए अमेरिका ने पिछले साल प्रशांत कमांड का नाम बदल कर हिंद-प्रशांत कमांड कर दिया था। दोनों देश इस क्षेत्र में रक्षा संबंध और व्यापार को मजबूत करने में जुटे हैं।
भारत और जापान ने साझा बयान में कहा- पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ पुख्ता कार्रवाई करे
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