रिलीज को तैयार भारतीय जनसंघ के संस्थापकों मे से एक पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन पर आधारित फिल्म ‘दीनदयाल एक युगपुरुष’ एक ऐसी फिल्म है जो पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन के कई रहस्यों से पर्दा हटाएगी। इसकी वजह यह है कि इससे पहले उन पर काफी कम लिखा गया और काफी कम रिसर्च किया गया। यह कहना है फिल्म ‘दीनदयाल एक युगपुरुष’ के निर्देशक मनोज गिरि का। खुदीराम बोस, गालिब सहित कई वेब सिरीज तथा टीवी पर भी काफी काम कर चुके डायरेक्टर मनोज गिरि से पिछले दिनों उनकी आने वाली फिल्म ‘दीनदयाल एक युगपुरुष’ को लेकर हमने बातचीत की। इस दौरान उन्होंने फिल्म को लेकर काफी कुछ तो कहा ही साथ ही पंडित दीन दयाल उपाध्याय के जीवन पर भी कई रहस्योद्घाटन किए, जो काफी कम ही लोगों को पता होंगी। वे बताते हैं कि यह बात उन्हें फिल्म के दौरान की गई रिसर्च के दौरान पता चली।
मनोज गिरि बताते हैं कि उन्होंने फिल्म में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन के तमाम पहलुओं को परदे पर दिखाने के कोशिश की है जो आज भी रहस्य है। सबसे खास बात यह कि उनकी मृत्यु आज भी एक राज है, जिस पर से परदा उठाने के हम काफी करीब पहुंच गए हैं। इसलिए भी यह फिल्म काफी जरूरी हो जाती है। बताते चलें कि यह मनोज गिरि की बतौर डायरेक्टर रिलीज होने वाली पहली फिल्म होगी, जबकि कई अन्य फिल्में भी रिलीज को तैयार हैं। जल्द ही वे भी रिलीज की जाएंगी। फिल्म को धीरज मिश्रा ने लिखा है, जबकि कलाकारों में दीपिका चिखलिया, अनीता राज, इमरान हसनी, अनिल रस्तोगी, निखिल पितले, श्याम शर्मा, वीरेंद्र मिश्रा जैसे कलाकारों ने अपने अभिनय से सजाया है।
बातचीत करते हुए मनोज गिरि ने बताया कि वर्तमान में पंडित जी के परिवार का कोई भी सदस्य इस दुनिया में नहीं है। उनका पालन पोषण उनके मामा के यहां हुआ था, वहां भी कोई नहीं है। यही वजह रही कि किसी ने उनके बारे में नहीं सोचा और ना ही रिसर्च हो पाया। हमने पूरी कोशिश की है कि उनके जीवन के तमाम पहलुओं जैसे शिक्षा, राजनीति, देश को लेकर उनकी सोच को सबके सामने रखा जाए और उम्मीद है कि लोगों को फिल्म के जरिए काफी कुछ समझने में मदद मिलेगी।
यह पूछे जाने पर कि फिल्म में उनके राजनीतिक कैरियर को कितना दिखाया गया है? गिरि ने बताया कि वे चुनाव हारने के बाद भी किस तरह से जनता व कार्यकर्ताओं से जुड़े रहने वाले नेता थे, स्वाभिमानी इतना थे कि काफी मेहनत करके पहली ही बार में आईएएस टॉप करने के बावजूद महज इसलिए आईएएस की नौकरी ज्वाइन नहीं की, क्योंकि उन्हें अंग्रेजों की जी हुजूरी नहीं पसंद थी। अन्त्योदय को लेकर उनकी क्या अवधारणा थी, कैसे वे अंतिम व्यक्ति तक विकास का दरवाजा खोलना चाहते थे, यह सारी चीजें हमने दिखाने की भरपूर कोशिश की है।
मनोज गिरि इस समय काफी व्यस्त हैं, वे कुछ वेबसिरीज, फीचर फिल्मों पर भी काम कर रहे हैं, जो जल्द ही परदे पर आएगी। इसके साथ ही धीरज मिश्रा के साथ दो प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं, जिसका एनाउंसमेंट शीघ्र ही किया जाएगा।
जब उनसे यह पूछा गया कि इसमें कांग्रेस को किस तरह प्रजेंट किया गया है तो वे बताते हैं कि हमने किसी का पक्ष लिए बिना ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन को परदे पर लाने की कोशिश की है, फिल्म में हमने काफी बैलेंस रखा है, जो उस समय के राजनीति की सच्चाई भी थी। राजनीति में पक्ष-विपक्ष तो था लेकिन किसी की कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं हुआ करती थी। हालांकि बावजूद इसके वे बताते हैं कि पंडित जी की नेचुरल मृत्यु नहीं थी। और जो भी कारण थे, हम उसके काफी करीब पहुंचे हैं। फिल्म की शूटिंग मुंबई और मुगलसराय में की गई है। आज मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर कर दिया गया है।
यह पूछे जाने पर कि आपने जन संघ और भाजपा के संस्थापक पर फिल्म बनाया है, वह पार्टी आज सत्ता में भी है, क्या उनसे किसी प्रकार का सहयोग मिला? इस पर मनोज जी इंकार करते हुए कहते हैं कि फिलहाल तो कोई सहयोग नहीं मिला है लेकिन हम कोशिश करेंगे कि फिल्म को टैक्सफ्री किया जाए। क्योंकि फिल्म देश के एक महान नेता पर बनाई है, जिन्होंने देश की राजनीति को नई दिशा देने के साथ ही काफी स्वाभिमानी और बेहद अच्छे सोच के सच्चे राजनेता थे। फिल्म 15 नवंबर को देशभर में रिलीज की जाएगी, जिसे लेकर उनकी पूरी टीम काफी उत्साहित है।
- दिनेश कुमार ([email protected])