नई दिल्लीे:विश्व की ऐतिहासिक धरोहरों में शुमार हुमायूं का मकबरा रात में चांद सा रौशन नजर आएगा। इसके लिए पूरी इमारत में एलईडी लाइट लगाई गई हैं। मंगलवार को इसकी शुरुआत की गई।
आगा खां ट्रस्ट फॉर कल्चर के सीईओ रतिश नंदा ने बताया कि पहली बार वर्ष 1999 में हुमायूं के मकबरे में प्रकाश व्यवस्था की गई थी। अब एक बार फिर यहां लार्इंटग का काम किया गया है। उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रिक उत्पाद बनाने वाली कंपनी हैवेल्स ने कॉर्पोरेट सोशल रिसपांसिबिलिटी (सीएसआर) कार्यक्रम के तहत मकबरे में एलईडी लाइट लगाई हैं।
उन्होंने बताया कि कंपनी दिल्ली की अन्य ऐतिहासिक महत्व की इमारतों को भी रोशन करने की दिशा में काम कर रही है। इससे तकरीबन 90 फीसदी बिजली की बचत होगी। साथ ही, नई प्रकाश व्यवस्था से इमारत में मून लाइट इफेक्ट आएगा।
बारापुला कॉरिडोर से दिखेगा
नई प्रकाश व्यवस्था के बाद हुमायूं का मकबरा रात में नोएडा से निजामुद्दीन आने वाले पुल से देगा। इतना ही नहीं, सराय काले खां और बारापुला कॉरिडोर से भी यह नजर आएगा। इसके अलावा, दिल्ली की मशहूर इमारतों जैसे इंडिया हैबिटेट सेंटर, ताज मानसिंह होटल और अन्य इमारतों से भी मकबरा सफेद रोशनी में नहाया नजर आएगा।
विश्व धरोहरों में शुमार है हुमायूं का मकबरा
मुगल वास्तुकला से प्रेरित इस स्मारक में हुमायूं की कब्र सहित कई अन्य राजसी लोगों की कब्रें हैं। यह इमारत विश्व धरोहर घोषित है। चारबाग शैली में बना यह मकबरा भारत में मुगल वास्तुकला का पहला उदाहरण है। मकबरा हुमायूं की विधवा बेगम हमीदा बानो के आदेश पर वर्ष 1562 में बना था। इसकी मुख्य इमारत लगभग आठ वर्षों में बनकर तैयार हुई थी। यहां सबसे पहले लाल बलुआ पत्थर का इतने बड़े स्तर पर प्रयोग हुआ था।
अब रात में चांद सा रौशन होगा दिल्ली का ऐतिहासिक हुमायूं का मकबरा
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