बैंकॉक: दाऊद इब्राहिम के करीबी शूटर मुन्ना झिंगड़ा उर्फ मोहम्मद सलीम को थाईलैंड ने पाकिस्तान को सौंप दिया है। इससे भारत और थाईलैंड के द्विपक्षीय संबंधों में खटास आ सकती है। अखबार ‘द नेशन थाईलैंड’ ने भारत सरकार के सूत्रों के हवाले से लिखा- हम थाईलैंड की न्याय प्रक्रिया का सम्मान करते हैं, लेकिन इस फैसले से हैरानी हुई। भारत संबंधों की समीक्षा कर सकता है। एक दोषी अपराधी के प्रत्यर्पण के लिए बैंकॉक भारत और पाकिस्तान के बीच फंसा है।
दाऊद के गुर्गे मुन्ना का केस थाईलैंड की कोर्ट में भारत के खिलाफ गया था। कोर्ट ने उसके भारत प्रत्यर्पण के निचली अदालत के फैसले को पलट दिया। नए आदेश के तहत मुन्ना को 9 अक्टूूबर को पाकिस्तान प्रत्यर्पित कर दिया गया है। जबकि, भारत ने दावा किया था कि झिंगड़ा भारतीय नागरिक है। उसे सईद मुजक्किर मुदस्सर हुसैन के नाम से भी जाना जाता है। भारत उसके प्रत्यर्पण के लिए दो साल से थाईलैंड के उच्च अधिकारियों के संपर्क में था।
16 साल से थाईलैंड की जेल में बंद था झिंगड़ा
माफिया डॉन छोटा राजन पर हमला करने के मामले में कोर्ट ने झिंगड़ा को 35 साल की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, बाद में इसे घटाकर 16 साल कर दिया गया। थाईलैंड की जेल में सजा पूरी होने पर उसे 2016 में जेल से रिहा कर दिया गया था। हालांकि, भारत ने 2012 में ही उसके प्रत्यर्पण का अनुरोध किया था। भारत पहले ही छोटा राजन को प्रत्यर्पित कर ला चुका है।
दाऊद 1993 मुंबई धमाकों का मास्टरमाइंड
दाऊद इब्राहिम पर 1993 के मुंबई बम धमाकों का मास्टरमाइंड है। इस हमले में 257 लोग मारे गए थे और सैकड़ों घायल हुए थे। भारत ने पाकिस्तान से कई बार दाऊद को सौंपने के लिए कहा है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा था कि दाऊद की पाकिस्तान में मौजूदगी किसी से छिपी नहीं है।
दाऊद के करीबी शूटर को पाकिस्तान को सौंपने से भारत-थाईलैंड के द्विपक्षीय संबंधों में खटास आ सकती है
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