साक्री (खान्देश)। युवा-मनीषी युवा-तपस्वी आचार्यश्री महाश्रमणजी की सुशिष्या शासनश्री साध्वीश्री पद्मावतीजी आदि ठाणा-4 के सानिध्य में कन्या मंडल के सहप्रभारी कुमारी श्रद्धा राजेंद्रजी कांकरीया की 9 की तपस्या, योगेश पगारिया की 19 तपस्या तथा राज्यश्रीजी श्याम वर्मा के 9 की तपस्या के उपलक्ष में अभिनंदन समारोह का आयोजन तेरापंथ सभा साक्री द्वारा किया गया।
शासन श्री साध्वी श्री पद्मावती जी ने कहा जैन साधना पद्धति में साधना के दो महत्वपूर्ण विधियां है सव्वर और निर्जरा तप के द्वारा कर्म शीन होते हैं, जीर्ण शीर्ण कर्म को काटने का अमोघ साधन है तपस्या तपस्या कायरों का काम नहीं वीरों का काम है यह निधि है खजाना है और भविष्य की सुरक्षा है। डॉक्टर साध्वीश्री गवेषणाश्री जी ने कहा आत्मबल और मनोबल के बिना तपस्या संभव नहीं तपस्या इस लोक के लिए परलोक के लिए या कीर्ति यश प्रशंसा के लिए नहीं की जाती परंतु इसका एकमात्र उद्देश्य हे निर्जरा साध्वी मयंकप्रभाजी ने कहा होटल जौनपुर के युग में कोई युवा पीढ़ी तपस्या करता है तो वह बहुत आश्चर्य है रचना पर विजय प्राप्त करना खाद्य संयम करना अर्थात धर्म की रुचि को प्रदर्शित करना है।
साध्वीश्री मेरुप्रभाजी ने सुमधुर गीतिका की प्रस्तुति दी। खुशी कांकरीया, मित्तल कांकरीया, स्नेहल ने अपने विचार व्यक्त किए। वैशाली, रानी पगारिया, औरंगाबाद से शीतल मंगलेश्वर ने तप की अनुमोदना की। कृतिका पगारिया, इंदरचंदजी कांकरिया, सभा के अध्यक्ष खेमचंदजी, रूपचंदजी कांकरीया, विनोदजी पगारिया, सुरेखाजी करनावट विद्या, उज्वला, विद्या, मंगला, वंदना, भारती, प्रेरणा कांकरिया ने सुमधुर गीतिका प्रस्तुत की अजीत जी कांकरिया ने अपने विचार रख तपस्वी बहन की बहुत-बहुत अनुमोदना की प्राध्यापक कैलाश वर्मा मैं अपनी मां राजेश्वरी को बधाई दी तथा शासन श्री पद्मावती जी आदि के प्रेरणा से सोनी परिवार की शक्ल में तपस्या यह इतिहास का निर्माण है। धन्यवाद ज्ञापन दिलीप जी कांकरिया ने किया। यह जानकारी सुमित गेलड़ा, शहादा (खान्देश) ने दी।
साक्री (खान्देश) में तप अभिनंदन समारोह का आयोजन
Leave a comment
Leave a comment