नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने तकरीबन पांच महीनों तक शांत रहने के बाद अंतरिक्ष के अभियानों के लिए कमर कस लिया है। इसरो 7 महीनों के दौरान ही 19 लॉन्चिंग करेगा, जिसमें चंद्रयान-2 मिशन भी शामिल रहेगा। इसरो की इस ‘स्पेस सीरीज’ की शुरुआत सितंबर महीने से ही हो जाएगी।
इसरो के चेयरमैन के. शिवन ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, ‘हम 19 स्पेस मिशन कंडक्ट कराने जा रहे हैं। इसमें 10 सैटलाइट और 9 लॉन्च वीइकल रहेंगे। यह सभी मिशन सितंबर से मार्च के बीच में ही संपन्न किए जाएंगे। इसरो के लिए कम समय में अधिक लॉन्चिंग का पीरियड रहेगा। हमें हर 30 दिनों में 2 लॉन्चिंग करनी होगी। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।’ उन्होंने बताया कि 15 सितंबर को PSLV C42 मिशन की लॉन्चिंग से इस अभियान की शुरुआत की जाएगी।
अक्टूबर महीने में इसरो की तरफ से ‘बाहुबली’ के नाम से जाने वाले GSLV MkIII-D2 की लॉन्चिंग की जाएगी। 4 टन की लिफ्टिंग क्षमता वाले इसरो के सबसे शक्तिशाली रॉकेट की लॉन्चिंग होगी। इसी महीने PSLV C43 की लॉन्चिंग होगी। इसी तरह से नवंबर में वायु सेना के लिए मददगार GSAT-7A और GSAT-11 की लॉन्चिंग होगी। तो वहीं दिसंबर में PSLV C44 और GSAT-31 को लॉन्च किया जाएगा।
नए साल की शुरुआत, चंद्रयान-2 मिशन के साथ
इसरो अगले साल की शुरुआत अपने बहुप्रतीक्षित चंद्रयान-2 मिशन के साथ करेगा, जिसका लॉन्चिंग विंडो 3 जनवरी से 16 फरवरी तक रहेगा। इज़रायल भी उसी वक्त अपने चंद्रमा मिशन को लॉन्च करेगा। दोनों देशों के बीच इस बात की टक्कर रहेगी कि चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने के मामले में रूस, अमेरिका और चीन के बाद चौथा देश कौन बनेगा।
जनवरी में ही इसरो का PSLV C45 रॉकेट रिमोट सेंसिंग सैटलाइट Risat-2B को ले जाएगा। इसी तरह फरवरी महीने में PSLV C46 रॉकेट दो सैटलाइट्स Cartosat-3 और नेक्स्ट जनरेशन NEMO AM सैटलाइट को लॉन्च करेगा। इसके बाद मार्च महीने में Risat-2BR1, Risat-2B, Cartosat-3 और Risat-2BR1 सैटलाइट्स लॉन्च किए जाएंगे।