ठाणे। साध्वी श्री आणिमाश्रीजी एवं साध्वी श्री मंगलप्रज्ञाजी के सानिध्य में प्रेक्षा दिवस के तहत तेरापंथी सभा ठाणे के तत्वावधान में प्रेक्षाध्यान कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में भाई बहनों ने भाग लिया। इस अवसर पर निबंध, स्लोगन एवं चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया।
साध्वी आणिमाश्रीजी ने अपने प्रेरणादायी उद्बोधन में कहा हर व्यक्ति ऊर्जावान बना रहना चाहता है। ऊर्जा का उच्चस्तरीय विकास करना चाहता है। ऊर्जा के उच्चस्तरीय रूपांतरण का साधन है ध्यान। ध्यान सुखी जीवन की चाबी है। ध्यान सृजन का प्रत्येक मार्ग प्रशस्त करता है और व्यक्ति को सफलता का मार्ग दिखाता है। ध्यान शक्ति जागरण का द्वार उद्घाटित करता है। जीवन यात्रा सतत उधर्वमुखी बनी रहे, इसके लिए ध्यान साधना जरूरी है। हम आभारी है प्रेक्षा प्रणेता, ऋतम्भरा प्रज्ञा के धनी आचार्य महाप्रज्ञवर के जिन्होंने प्रेक्षाध्यान पद्धति का निरूपण किया। हम ध्यान के महत्त्व को समझे एवं उसे जीवन का अंग बनाएं।
साध्वी श्री ने कहा ठाणा के इस विशाल भवन में प्रेक्षाध्यान का केंद्र चलना चाहिए। साध्वी श्रीजी की सामयिक प्रेरणा से प्रशिक्षण प्रशिक्षार्थी एवं व्यवस्थापक तीनों तैयार हो गए। महाप्रज्ञ जन्म शताब्दी के अवसर पर ठाणा में प्रेक्षाध्यान प्रशिक्षण केंद्र प्रारंभ होगा।
साध्वी मंगलप्रज्ञा ने कहा आधी, व्याधि और उपाधि की रामबाण औषधि है प्रेक्षाध्यान। भीतरी चेतना को जागृत करने का महत्त्वपूर्ण सोपान है प्रेक्षाध्यान। जीवन की खुशहाली का राजमार्ग है ध्यान। स्वस्थ्य, शांत व आनंदमय जीवन का वरदान है प्रेक्षाध्यान। प्रवचन से पूर्व साध्वी श्रीजी ने नवरात्र जप अनुष्ठान का प्राणवान एवं ऊर्जामय प्रयोग करवाया। पूरी परिषद दत्तचित्त होकर जप में तल्लीन बनी।
प्रतिभा चोपड़ा ने प्रेक्षाध्यान सिद्धांत एवं प्रयोग का प्रशिक्षण दिया एवं ध्यान का प्रभावशाली प्रयोग करवाया। यौगिक क्रिया, योगासन एवं प्राणायाम का प्रशिक्षण सिमा सांखला, मीना बाफना व ममता श्रीश्रीमाल ने दिया। कांता श्रीश्रीमाल ने कायोत्सर्ग करवाया। निबंध प्रतियोगिता में दस प्रतियोगियों ने भाग लिया। चित्रकला प्रतियोगिता में लीला पारख प्रथम, सिमा सांखला द्वितीय एवं प्रोत्साहन पुरस्कार कविता मेहता को प्राप्त हुआ। स्लोगन प्रतियोगिता में जितेन्द्र धरमशि प्रथम सिमा सांखला द्वितीय एवं प्रोत्साहन पुरस्कार रेखा बाफना को प्राप्त हुआ। प्रतिभा चोपड़ा एवं सिमा सांखला ने कार्यक्रम को योजित करने में अपना श्रमदान किया।
ठाणे में प्रेक्षा-दिवस पर प्रेक्षाध्यान कार्यशाला का आयोजन
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