जकार्ता: महिला हॉकी के फाइनल में भारत का मुकाबला दुनिया की 14वीं नंबर की टीम जापान से जारी है। तीसरे क्वार्टर के बाद जापान 2-1 से आगे है। हॉफ टाइम तक दोनों टीमों का स्कोर 1-1 से बराबर था। तीसरे क्वार्टर में जापान ने मोतोमी कवामुरा ने (44वें मिनट में) पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदल कर मुकाबले में अपनी टीम को आगे कर दिया। पहले क्वार्टर में जापान की ओइकारा शिहोरी ने 11वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदला था। इससे पहले भारत की कप्तान रानी रामपाल 10वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर को गोल में नहीं बदल पाईं थीं। पहले क्वार्टर में भारत ने 5 शॉट लिए, एक को भी गोल में नहीं बदल पाया। दूसरे क्वार्टर में भारत ने तेज खेल दिखाया और 25वें मिनट में नेहा गोयल ने फील्ड गोल किया।
अगर भारतीय टीम यह मैच जीत लेती है तो 36 साल बाद उसे एशियाड में स्वर्ण पदक मिलेगा। भारत ने इससे पहले 1982 दिल्ली एशियाड में स्वर्ण जीता था। वर्ल्ड रैकिंग में 9वें नंबर की भारतीय महिला हॉकी टीम एशियाड में 20 साल बाद फाइनल में पहुंची है। भारतीय टीम यदि इस मुकाबले में जापान को हरा देती है तो उसका टोक्यो 2020 ओलिंपिक का टिकट पक्का हो जाएगा। महिला हॉकी टीम ने आखिरी बार एशियाई खेलों का फाइनल 1998 में खेला था, जहां कोरिया ने उसे 2-1 से हरा दिया था।
पूल के सभी मैच भारत ने जीते: भारत ने इंडोनेशिया को 8-0, कजाकिस्तान को 21-0, कोरिया को 4-1 और थाईलैंड को 5-0 से हराया है। सेमीफाइनल में उसने बुधवार को चीन को 1-0 से हराया था। फाइनल मैच से पहले हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल ने कहा, “जापान के खिलाफ होने वाला फाइनल रोमांचक होगा। हम मुकाबला जीतने के लिए पूरी ताकत लगा देंगे।” टीम के कोच शुअर्ड मरीने ने कहा, “हम जापान के खिलाफ पहले भी खेल चुके हैं। वह एक मजबूत टीम है। हालांकि, मेरा मानना है कि हमारे पास विश्व की किसी भी टीम को हराने की क्षमता है। हमें योजना के अनुसार अपना खेल खेलने और चैम्पियन जैसा प्रदर्शन करने की जरूरत है।”