नई दिल्ली: चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने गुरुवार को अदालतों में अमर्यादित आचरण की बढ़ती घटनाओं पर नाराजगी जाहिर की। सीजेआई ने कहा कि आजकल अदालतों में इस तरह की घटनाओं में तेजी देखी जा रही है। स्टेक होल्डर्स को इस तरह की घटनाओं की पहचान कर इन्हें अलग-थलग करना चाहिए।
सीजेआई गोगोई ने सुप्रीम कोर्ट में स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान तिरंगा फहराया। इस दौरान कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल और वरिष्ठ अधिवक्ताओं समेत कई लोग मौजूद थे।
‘विचार-विमर्श और बहस को मुखर आचरण से दबाया जा रहा’
इस दौरान सीजेआई गोगोई ने कहा कि अनुचित व्यवहार के उदाहरणों ने सुप्रीम कोर्ट समेत सभी अदालतों का सिर झुकाया है। कुछ समय से भारतीय अदालतों में अमर्यादित आचरण में काफी वृद्धि देखी गई है। गरिमापूर्ण, सुखद विचार-विमर्श और बहस को मुखर और प्रेरित आचरण से दबाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि स्टेक होल्डर्स जल्दी से उनकी पहचान करें और उन्हें अलग-थलग करें। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि इस संस्थान की शोभा और गरिमा बनी रहे। सुप्रीम कोर्ट के दशकों पुराने बुनियादी ढांचे को फिर से मजबूत करने का कोई मतलब नहीं होगा। उन्होंने सभी स्टेक होल्डर्स को संवैधानिक जरूरतों को पूरा करने के लिए पूराने विचारों को दूर करने के लिए कहा।
‘न्यायपालिका जैसी संस्थानों में संकीर्णता के लिए कोई स्थान नहीं’
सीजेआई गोगोई ने कहा- न्यायपालिका जैसे मल्टी-स्टेक होल्डर्स संस्थानों में संकीर्णता के लिए कोई स्थान नहीं है। सुप्रीम कोर्ट की बढ़ी ताकत से ऐसी विचारधारा के मामलों को कम करने की उम्मीद थी। सुप्रीम कोर्ट आने वाले हफ्तों में अपने काम को लेकर पूरी तरह से तैयार है। पिछले कुछ महीनों में हमने अपनी पूरी क्षमता से कार्य किया है।