मुंबई। मेवाड़ भवन गोरेगांव में विराजित आगम ज्ञाता पंडित रत्न उपप्रवर्तक प.पू. डॉ. गौतम मुनि मसा.प्रखर वक्ता शास्त्रज्ञ ज्ञाता वैभव मुनि मसा.,मधुर गायक शालीभद्रमुनि मसा. सेवाभावी नवदीक्षित नमनमुनि मसा. आदि थाणा के सानिध्य में मेवाड़ महिला मंडल मुंबई की अध्यक्षा राजकुमारी बोहरा के नेतृत्व में आठवां समागम समारोह रखा गया।
जिसमें नारी अपनी पहचान कैसे बनाएं ?इसके बारे में वैभवमुनि मा. सा. ने बताया कि नारी अपनी भारतीय संस्कृति को जिंदा रखने में कैसा अपना योगदान दे सकती है। और मसा. ने कहा कि नारी के बिना संसार का अस्तित्व आगे नहीं बढ़ सकता है। अगर आपको कोई भी अच्छा काम करना है तो उसकी शुरुआत अपने घर से कीजिए और अगर घर में कोई भी समस्या आ जाए तो नारी को सूझ -बूझ के साथ कदम उठाना चाहिए। अगर सब से रिश्ता अच्छा रहेगा तो घर का वातावरण अच्छा रहेगा। मसा. ने कहा कि माता कभी कुमाता नहीं हो सकती और और नारी को भारत की पुरानी सभ्यता और सँस्कृति का पालन करना चाहिये। और सब की सेवा करनी चाहिए। हमें आधुनिक ज़माने के रंग में नही रंगना हैं । भारतीय संस्कृति का पालन करते हुए आगे बढ़ना हैं। क्योंकि भारतीय संस्कृति पारिवारिक संस्कृति है। नारी का विशेष गुण है क्षमा ,मूर्ति, क्षमा करने और मांगने में दोनों में नारी सबसे आगे होती है। मसा. ने यह भी कहा कि, हमें धर्म की आराधना करते रहना चाहिए। क्योंकि धार्मिक क्रियाओं से घर का वातावरण सही रहता है। नारी में ऐसी शक्ति है कि, वह घर को स्वर्ग बना सकती है। इसलिए नारी को नारायणी कहा गया हैं।मसा. ने नारी के लिए कहा कि, समाज में सभी से संपर्क बना के रखो, और पहले अपने घर का अस्तित्व सही कर लोगे तो फिर नारी बहुत आगे बढ़ सकती है। नारी समाज को हर क्रियाओं में भाग लेना चाहिए क्योंकि नारी के बिना समाज नहीं चल सकता।
डॉ .गुरुदेव गौतम मुनि मा. सा. ने बताया कि, मेवाड़ की रानी पद्मनी हाड़ी रानी के जौहर को बता कर नारी के शील की रक्षा को परिभाषित किया। गुरुदेव ने कहा कि, अकेला पुरुष कुछ नहीं कर सकता। जब तक नारी का सहयोग उसमें ना हो। अगर नारी में धन के संस्कार हो तो पूरे घर में शांति बनी रहती है। सौभाग्यशाली नारी हमेशा बड़ों का आदर करती है। और नारी घर का एक अहम हिस्सा है। गुरुदेव ने यह भी कहा कि बेटे – बेटियों का गलत चीजों में आप पक्ष मत लीजिए। इससे आपको ही नुकसान पहुंचेगा। कुल के बारे में बताते हुए गुरुदेव ने कहा कि, अपने कुल की परंपरा कभी नहीं उजाड़नी चाहिए क्योंकि मर्यादा की दीवार जीवन की सुरक्षा होती है। मसा. ने अंत में सभी नारियों के उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। और कहा कि अगर नारी अपने दम पर आ जाए तो कुछ भी कर सकती है।
प्रवचन के बाद वैभवमुनि मा.ने करंट प्रश्न मंच लिया। 35 उपमंडलो कि बहनो ने बडी सूझ -बूझ के साथ उत्तर दिये। इस मौके पर विजेताओ को पुरस्कृत किया गया। विशेष सहयोग ःसंरक्षिका संतोषबेन सिंघवी,कार्यकारी संरक्षिका बेबीबेन डागलिया, प्रमुखा ललिता सोनी, कार्यकारी प्रमुखा लाजवंती वडाला, निवर्तमान अध्यक्ष अंजना तातेड,कोषाध्यक्षा निर्मला पामेचा,व कंचन एस.सिंघवी, सुधा हिंगड़, भावना बोहरा, स्नेहलता सिंघवी,शारदा संचेती, लीला बाफना,स्नेहलता सांखला, किरण वडालमिया, रेखा ओस्तवाल, मधु सेठिया, रानी ओस्तवाल, लक्ष्मी कागरेचा, बसंतीबेन वडालमिया, सुनीता कोठारी, अनीता चंडालिया, शिल्पा पोखरना, लीला डी.बोहरा, कमला सियाल आदि कई बहनों समागम को सफल बनाने में पूर्ण सहयोग रहा। 315 से अधिक बहनों की उपस्थिति रही।इस कार्यक्रम में महिलाओं के अनुशासन की विशिष्टता देखने को मिली।देश की महान सशक्त कर्मठ राजनीतिज्ञ सुषमा जी स्वराज को अध्यक्षा द्वारा पूरी सभा में श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने मेवाड़ श्री संघ के पदाधिकारीगणःःरिखब साँखला, नेमीचंद धाकड़, दिनेश वडालमिया, प्रकाश डांगी, नरेंद्र कंठालिया, सुमन सेठिया, पारस तातेड, जीतमल वागरेचा, आदि की विशेष उपस्थिति रही।
विनोद चपलोत ने महिला मंडल का मेवाड़ संघ की तरफ से आभार व्यक्त किया । तो वहीं मेवाड़ संघ मुंबई अध्यक्षा ने सभी का धन्यवाद और आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन मेवाड़ महिला मंडल मुम्बई महामंत्री कंचन एल. सिंघवी ने किया।
मेवाड़ महिला मंडल मुंबई का आठवां समागम समारोह सम्पन्न हुआ
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