नई दिल्लीे:सेना में चार और क्षेत्रों में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन दिया जा सकता है। सेना द्वारा इसके लिए तैयारियां शुरू की जा रही हैं। ये क्षेत्र हैं- साइबर, र्मैंपग, सिग्नल और भाषा। इन क्षेत्रों में महिलाओं को स्थायी कमीशन मिलने से ज्यादातर महिलाओं को अपना कॅरियर बीच में नहीं छोड़ना पड़ेगा। सेना से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सेना में अभी शिक्षा और न्यायिक सेवाओं से जुड़े क्षेत्रों में महिलाओं को स्थाई कमीशन दिया जाता है। लेकिन शार्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) के जरिए भर्ती होने वाली महिला अधिकारियों की शिकायत यह है कि 14 साल की सेवा पूरी करने के बाद उन्हें घर बैठना पड़ता है। इस सेवा के जरिए भर्ती होने वाली बहुत कम महिला अधिकारियों को ही स्थाई कमीशन मिल पाता है। क्योंकि अभी सिर्फ दो ही क्षेत्रों में उनके लिए मौके हैं। पद कम होते हैं और दावेदार बहुत ज्यादा।
सेना से जुड़े सूत्रों ने कहा कि चार क्षेत्रों- साइबर, र्मैंपग, भाषा और सिग्नल क्षेत्रों में महिलाओं को स्थाई कमीशन दिए जाने पर सहमति है। रक्षा मंत्रालय ने तीनों सेनाओं से इस बारे में राय मांगी है। दरअसल, रक्षा मंत्रालय द्वारा इस मामले में पूर्व में सुप्रीम कोर्ट में कहा गया है कि वह और कई क्षेत्रों में महिलाओं को स्थाई कमीशन देने पर विचार कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया था विगत 15 अगस्त को लालकिले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसका ऐलान किया है। उन्होंने कहा था कि सेना में महिलाओं नए क्षेत्रों में स्थाई कमीशन दिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार,प्रधानमंत्री की इस घोषणा के बाद सेना की सक्रियता बढ़ गई है। एसएसी के जरिए भर्ती होने वाली महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन के लिए 14 साल की सेवा के बाद बोर्ड परीक्षण से गुजरना होता है।