नई दिल्ली:चुनावी साल में मोदी सरकार सांसद निधि को खर्च करने में तेजी लाएगी जिससे विकास कार्य जमीन पर दिखाई दे। सरकार इस सांसद निधि को बड़े पैमाने पर खर्च करने के लिए पूरा जोर लगा रही है। इस फंड की समीक्षा को लेकर दिल्ली के विज्ञान भवन में एक बैठक की गई। समीक्षा बैठक में ये फैसला लिया गया कि इस फंड के इस्तेमाल में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार सभी राज्यों को चिट्ठी लिखेगी। लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों को पूरे कार्यकाल में 21,125 करोड़ रुपये सांसद निधि के तौर पर खर्च करने के लिए आवंटित होते हैं।
इसमें से आधे से ज्यादा फंड यानी करीब 12 हजार करोड़ रुपये अभी तक सरकारी सुस्ती के कारण खर्च नहीं हो पाया है। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्यवयन मंत्री सदानंद गौड़ा ने इस सालाना समीक्षा बैठक में इस फंड के लिए आने वाली सिफारिशों की कमी पर चिंता जताई। प्रशासन को ऐसे फंड के तहत होने वाले कामों की सिफारिशों और उसे खर्च करने में पूरी ताकत लगाने को कहा। फंड के क्रियान्वयन से जुड़े तामाम दिक्कतों को जल्द दूर किया जाएगा जिससे जरूरतमंदों के विकास से जुड़े रकम का तुरंत और समयबद्ध तरीके से इस्तेमाल हो सके।
अफसरों को ट्र्रेनिंग दी जाएगी: देश भर के ऐसे अधिकारी जो सांसद निधि के कामकाज के लिए जिम्मेदार होते हैं उनकी 15 सितंबर से 15 अक्तूबर के बीच अलग-अलग बैच में ट्र्रेंनिंग भी कराई जाएगी।
मोबाइल एप से रखी जाएगी नजर
सरकार विकास कार्यों पर नजर रखने के लिए तकनीक का भी सहारा लेगी। मोबाईल एप्लीकेशन की व्यवस्था दो महीने में की जाएगी। विकास के कामों की जियो टैगिंग होगी और काम की प्रोग्रेस रिपोर्ट का ब्योरा तुरंत अपडेट होगा। सांसदों को एक जानकारी की बुकलेट भी मुहैया कराई जाएगी ताकि अधिकारों को लेकर और इस फंड के तेज और समयबद्ध तरीके से इस्तेमाल पर वो पहले से ज्यादा गौर फरमाएं।
सांसदों को हर साल पांच करोड़
लोकसभा में कुल 545 सांसद है जबकि राज्यसभा में 250 सदस्य होते हैं। क्षेत्र के विकास के लिए सांसद निधि के तहत सांसद को 5 करोड़ रुपये की सालाना 2 किस्तें मिलती हैं। लोकसभा के सांसदों का कार्यकाल 5 साल का होता है जबकि राज्यसभा का 6 साल का होता है।
आधी राशि खर्च नहीं हुई
देश के सभी सांसदों ने को आवंटित होने वाली राशि का करीब 12,000 करोड़ रुपये खर्च नहीं हो पा रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार सांसदों और राज्य सरकारों पर इस रकम को जल्द जल्द खर्च करने का दबाव बना रही है। ताकि 2019 चुनावों से पहले विकास कार्यों का फायदा गरीब और जरूरतमंदों को हासिल हो सके।
कुल 21,125 करोड़ का फंड
लोकसभा के सांसदों को कार्यकाल में 13625 करोड़ रुपये और राज्यसभा के सांसदों को 7500 करोड़ रुपये आवंटित किए जाते हैं। ऐसे में सांसद निधि के तहत विकास योजनाएं के लिए कुल 21125 करोड़ रुपये आंवटित होते हैं जिनके जरिए क्षेत्र में विकास के जरूरी काम किए जाते हैं।