प्राची गुप्ता।।
तुलसी एक ऐसी दिव्य औषधि वाला पौधा है, जो कई तरह के मर्ज की दवा साबित होता है। हिन्दू धर्म में इसे एक खास स्थान दिया गया है। तुलसी किस तरह से मानव जीवन को रोगों से छुटकारा दिलाने में कारगर साबित होती है,
सुबह खाली पेट करें तुलसी का सेवन : सुबह खाली पेट तुलसी के 5 पत्ते या तो चूसें या फिर इनका रस पिएं। इससे सर्दी-खांसी से राहत मिलती है, इम्यून सिस्टम बेहतर होता है और व्यक्ति का मानसिक तनाव भी दूर होता है।
मौसमी रोगों को दूर करे : तुलसी की हरी पत्तियों का सेवन करने से सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार, बच्चों का दमा, सिर दर्द जैसी अनेक मौसमी बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है। खांसी-जुकाम में तुलसी के पत्ते, अदरक और काली मिर्च से तैयार की हुई चाय पीने से तुरंत लाभ होता है। बारिश के मौसम में रोजाना तुलसी के पांच पत्ते खाने से मौसमी बुखार व जुकाम जैसी समस्याएं दूर रहती हैं।
सांसों की दुर्गंध होती है दूर : तुलसी के सेवन से सांसों से आने वाली दुर्गंध, मसूढ़ों से जुड़ी बीमारियों को ठीक करने में मदद मिलती है। मुंह की दुर्गंध ज्यादातर पाचन शक्ति कमजोर हो जाने के कारण होती है। तुलसी अपने गुणों के कारण सांसों की दुर्गंध को दूर करने में अहम भूमिका निभाती है। इसमें अपनी स्वाभाविक सुगंध होने के करण भी यह सांसों की दुर्गंध का नाश करती है। सांसों की समस्या से भी तुलसी निजात दिलाती है। अगर सांस लेने में दिक्कत हो रही हो, तो तुलसी के आधा चम्मच रस में शहद मिलाकर पिएं, आराम मिलेगा।
फेफड़ों में सूजन दूर करें : किसी व्यक्ति के फेफड़ों में सूजन आ जाए, तो उसे कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इनमें बुखार, सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ आदि प्रमुख हैं। ऐसे व्यक्ति को डॉक्टरी दवाओं के साथ-साथ तुलसी के पत्तों का लगभग 15 ग्राम रस सुबह-शाम खाली पेट विशेषज्ञ की सलाह से पीना चाहिए।
मुंह के छालों में लाभदायक : अगर किसी व्यक्ति के मुंह में छाले हो गए हों, तो उसे तुलसी की पत्तियों का रस पीना चाहिए या फिर पत्तियां चूसनी चाहिए।
तुलसी का काढ़ा है कमाल : तुलसी का काढ़ा काफी लाभदायक होता है। ये कई तरह के रोगों को दूर करता है। शहद, अदरक और तुलसी को मिलाकर बनाया गया काढ़ा पीने से दमा, कफ और सर्दी में राहत मिलती है। तुलसी की जड़ का काढ़ा ज्वर नाशक होता है। इसके लिए तुलसी की जड़ का 5 से 10 ग्राम चूर्ण लेकर उसे एक गिलास पानी में मिलकर तब तक गर्म करना चाहिए, जब तक वो आधा न हो जाए। इस तैयार काढ़े को शहद के साथ मिलाकर पीना चाहिए, काफी लाभ होगा।
बरतें सावधानी – तुलसी का सेवन खाली दूध के साथ कभी नहीं करना चाहिए। – तुलसी को दांतों से चबाना नहीं चाहिए, क्योंकि इसमें स्वाभाविक रूप से पारद तत्व की मौजूदगी होती है, जो दांतों के लिए हानिकारक होता है।
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