नई दिल्ली (ईएमएस)। मोदी सरकार द्वारा लागू की गई नोटबंदी को लेकर रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के बाद विपक्षी दलों ने सीधा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना लगाते हुए पीएम मोदी पर झूठ बोलने के आरोप लगाया है। कांग्रेस ने कहा कि आरबीआई की रिपोर्ट ने नोटबंदी को एक बार फिर ‘मोदी मेड डिजास्टर’ साबित किया है। वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने श्वेत पत्र लाने की मांग की। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुराने बयानों की याद दिलाते हुए कहा, याद करें किसने कहा था की 3लाख करोड़ रुपये वापस नहीं आएंगे और इससे सरकार को फायदा होगा? वहीं पूर्व वित्तमंत्री चिदंबरम ने कहा कि नोटबंदी की बड़ी कीमत देश के लोगों ने चुकाई है। उन्होंने कहा,100 से अधिक लोगों की मौत हो गई। 15 करोड़ मजदूरों को कई हफ्ते तक रोजगार नहीं मिला। हजारों छोटे उद्योग-धंधे बंद हो गए, लाखों नौकरियां खत्म हो गई। मोदी सरकार पर आक्रामक कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पूछा कि क्या प्रधानमंत्री झूठ के लिए माफी मांगने को तैयार है। उन्होंने कहा नोटबंदी के दौरान चलन से बाहर किए गए 99.30 प्रतिशत नोट वापस आ चुके है। इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि नोटबंदी की वजह से कईयों को जान गंवानी पड़ी और उससे क्या हासिल हुआ। उन्होंने कहा, नोटबंदी की वजह से बिजनेस प्रभावित हुआ। लोगों को जानने का अधिकार है कि नोटबंदी से क्या हासिल हुआ? सरकार को श्वेत पत्र लाना चाहिए।
दरअसल बुधवार को आरबीआई ने कहा कि नवंबर 2016 में नोटबंदी लागू होने के बाद बंद किए गए 500 और 1,000 रुपये के नोटों का 99.3 प्रतिशत बैंको के पास वापस आ गया है। नोटबंदी के समय मूल्य के हिसाब से 500 और 1,000 रुपये के 15.41 लाख करोड़ रुपये के नोट चलन में थे। रिजर्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से 15.31 लाख करोड़ रुपये के नोट बैंकों के पास वापस आ चुके हैं। इसी आधार पर विपक्षी दल सवाल उठा रहे हैं कि जब 99 प्रतिशत से अधिक पैसा वापस आ गया तो कालाधन कहां है? क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी को लेकर झूठ बोला।
नोटबंदी पर चौतरफा घिरी सरकार, कांग्रेस ने कहा, मोदी ने लालकिले से झूठ बोला
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