ठाणे: गुरुवार को आचार्य श्री महाश्रमण जी की प्रबुद्ध शिष्या साध्वी श्री अणिमा श्री जी, साध्वी श्री मंगलप्रज्ञा जी एवं साध्वी वृन्द के सानिध्य में अणुव्रत समिति मुम्बई द्वारा आयोजित गुरुशरणं यात्रा की सफलता के लिए मंगलपाठ सुनने का कार्यक्रम रखा गया। इस अवसर पर श्रावकों का मार्गदर्शन करते हुए साध्वी श्री अणिमा श्री ने कहा कि तेरापंथ धर्म संघ में गुरु ही हमारे आस्था के केंद्र हैं में गुरुदेव शरण में जाना सबसे बड़ा तीर्थ हैं। साथ ही कहा कि आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी का जन्मशताब्दी वर्ष चल रहा है इस कड़ी में भी इस यात्रा में कुछ हो सके तो संघ को करना चाहिए। वही जिस तरह से विजय संचेती ने इस गुरुशरणं यात्रा के लिए विसर्जन का भाव रखा हैं। उसी तरह से समाज में मौजूद बाकी लोग भी जुड़े तो समाज के सभी कार्य सरलता से पूर्ण हो जाए। साध्वी श्री सुधा प्रभा जी ने भी मार्गदर्शन प्रदान किया।
अणुव्रत समिति मुम्बई के अध्यक्ष ने इस अवसर पर उपस्थित श्रावकों एवं साध्वी श्री के प्रति कृतग्यता ज्ञापित किया। गुरुशरणं यात्रा के संयोजक रमेश धोका ने यात्रा की विस्तार पूर्वक जानकारी साध्वी श्री के सम्मुख रखा। इस यात्रा के मुख्य प्रयोजक विजय संचेती ने साध्वी श्री को बताया कि गुरुशरणं यात्रा के दौरान भव्य भिक्षु भक्ति का कार्यक्रम भी रखा गया हैं। सभी की कोशिश रहेगी की हम गुरुदेव के सानिध्य में 7 से 8 शनिवार की सामायिक भी करें।
अणुव्रत समिति मुम्बई कार्याध्यक्ष रोशन मेहता, कोषाध्यक्ष रमेश सोनी, टीपीएफ राष्ट्रीय सदस्य बलवंत चोरडिय़ा, पुखराज संचेती, सुरेश बाफना, लक्ष्मीलाल सिंघवी, कन्हैयालाल धाकड़, विनोद बाफना, राजकुमार चपलोत, दिनेश धाकड़, सुरेश मेहता, नितेश धाकड़, मुम्बई सभा उपाध्यक्ष गणपत डागलिया, मनोहर कच्छारा, राजेंद्र कुमठ, नरेश बाफना, विकास डूंगरवाल, अरविंद हिंग्गड, हीरालाल बाफना, चंद्रप्रकाश बोहरा, मंजू संचेती, कल्पना जैन, लीलाल सिंघवी, ललिता सोनी, वनिता बाफना, संजय दुग्गड़, कमलेश दुग्गड़, अरविंद मेहता, दिलीप कोठारी, कैलाश परमार आदि की उपस्थिति रही।
अणुव्रत समिति मुम्बई की गुरुशरणं यात्रा के सदस्यों ने साध्वी श्री अणिमाश्री जी से सुना मंगलपाठ
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