कुंवारिया, लावा सरदारगढ़। तपस्या आत्मशुद्धि व भवमुक्ति का उत्तम साधन है। तपस्या से तन की शुद्धि के साथ में भावो की विशुद्धि भी होती है। यह उद्धबोधन साध्वी विजयप्रभा जी ने चातुर्मास के आयोजन के तहत बुधवार को कुंवारिया स्थित नीलकंठ चौराहा के समीप एक वाटिका में आयोजित तप अभिनन्दन समारोह व पारणा महोत्सव के आयोजन में धर्मसभा में दिए।
उन्होंने कहा कि तपस्या से रोग, दोष, शोक, अज्ञात का भय से मुक्ति मिलती है 20 जोड़ो सेहत 130 व्यक्तियों ने अठाई की तपस्या को पूरा किया। इन तपस्वियों में सबसे कम उम्र की बालिका लावा सरदारगढ़ से सुश्री शेली हिंगड़ ने अठाई की तपस्या की। तथा सभी तपस्वियों का विशेष बहुमान किया। और तपस्वी बहन व पूरे परिवार ने खमनोर मे बिराजित श्रमण संघीय महामंत्री सौभाग्य मुनि जी कुमुद के दर्शन कर आशीर्वाद लिया।
इस अवसर पर कुंवारिया संघ अध्यक्ष गणेशलाल कच्छारा, मंत्री प्रदीप, चंद्रप्रकाश तातेड़, लावा सरदारगढ़ संघ के अध्यक्ष राकेश हिंगड़, महिलामण्डल अध्यक्ष श्रीमती अंजू हिंगड़, आमेट पंचायत समिति सदस्य प्रवीण मेवाड़ा, मूर्तिपूजक संघ अध्यक्ष कमलेश सेठ, दुर्गेश जोशी, आदि समाजजन उपस्थित थे। सरदारगढ़ मे तपस्वी बहन का वरघोड़ा निकाला गया। इस कार्यक्रम में परिवार व समाज ओर गांव के सदस्यों की अच्छी उपस्थिती रही। इस कार्यक्रम की जानकारी श्री रोहित जी चौधरी ने दी।
कुंवारिया में तप अभिनंदन समारोह व पारणा महोत्सव
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