ठाकुरद्वार में धर्म आराधना की धूम, रविवार को प्रवचन सुनने उमड़े लोग
ठाकुरद्वार (मुंबई)। आचार्य रविशेखरसुरीश्वरजी म. सा. की निश्रा में ठाकुरद्वार संघ के नेमानी वाड़ी में आज रविवार स्पेशल शिबिर का आयोजन रखा गया जिसका विषय था ‘बॉडी बैलेंस’ । इस विषय पर पू. ललितशेखरविजयजी म. सा. ने विस्तार से बताया कि हमारे शरीर के सही संतुलन के लिए किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। जो सत्कार्य के काम आता है वो उपकरण है और जो दुष्कार्य के काम आए वो अधिकरण है। हमारे शरीर के 1 रूमाटे में पौने दो रोग होते हैं और ऐसे साढ़े तीन करोड़ रूमाटे होते हैं हमारे शरीर में। चारों गति के आहार होते हैं जैसे नरक गति में विरस आहार होता है, तिर्यंच गति में नीरस आहार होता है, देवगति में सुधारस आहार होता है और मनुष्य गति का आहार सट्ररस (6 तरह के रस वाला) होता है । जैसे कंजूस जो खुद खाता है पर दूसरो को खाने नही देता, मक्खीचूस जो न खुद खाता है और न दुसरो को खाने देता है, दानी जो खुद के लिए रख के कुछ दान करता है और उदार जो सबकुछ लूटा देता है, जो उदार होता है जिसका मन और हृदय विशाल होता है वही धर्म की प्राप्ति कर सकता है । मधुमक्खी के पास तीन चीज़े होती है, छोटापन, मिठास और डंक ठीक वैसे ही हमें अपनी जीभ भी छोटी रखनी चाहिए, हमें कम, मीठे और असरदार शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए । सागर की तरह हमें अपने पेट को गंभीर रखना चाहिए, सब बातों का समावेश कर लेना चाहिए ।
किशन सिंघवी के अनुसार ठाकुरद्वार संघ के पदाधिकारियों में अध्यक्ष वसंत भंसाली, पूर्व अध्यक्ष चंदनमल संघवी, राजमल जैन, अशोक वागोणी, महेंद्र मंडोत, पंकज मेहता, रसिक पालरेचा, देवीलाल संघवी, भरत चौहान, ललित जैन, बस्तिमल बाफना, विमल सोनिगरा, कमलेश गांधी, आदि मौजूद रहे और समर्पण ग्रुप, ठाकुरद्वार के कुणाल शाह, राहुल जैन, अमित जैन, जुगल जैन, मेहुल जैन, विशाल जैन, संदीप जैन, भरत पोरवाल, अनुज जैन, रौनक निसर, अमित गांधी, मितेश जैन, भावेश जैन, रोबिन जैन, तरुण जैन, आदि मौजूद रहे, वहीं शान्तिलाल पामेचा, पूनमचंद पामेचा, शोभालाल राजावत, दिनेश पामेचा, लोकेश पामेचा, प्रवीण राजावत, चन्दनमल सिंघवी, चान्दमल सिंघवी, कीर्ति पामेचा, मोहनलाल सिंघवी, गणपत साखंला, हस्ती सिंघवी, चिराग सिंघवी, आदि भी मौजूद रहे ।
दोपहर में पू. सा. श्री आत्मयशाश्रीजी म. सा. और पू. सा. श्री शासनयशाश्रीजी म. सा. की निश्रा में विशेष कन्या शिबिर का आयोजन हुआ जिसका विषय ‘3 एफ’ (फंक्शन, फैशन और फ्रस्ट्रेशन) था । जिसमें ठाकुरद्वार संघ की 11 वर्ष से 25 वर्ष तक कि सैकड़ों युवा कन्याओं की उपस्थिति रही ।