भांडुप : बुधवार को भांडुप में स्थित मेवाड़ केशरी भवन भांडुप के प्रांगण में नाकोडा तिर्थोद्वारक मेवाड केशरी आचार्य हिमाचलसूरी समुदाय वर्तनी आचार्य रवीशेखर सुरिश्वर जी मा:सा: आदी ठाणा के सानिध्य में अभिनदंन समारोह का भव्य आयोजन संपन्न हुआ। मेवाड़ भवन में आयोजित कार्यक्रम से पश्चात भव्य शोभा यात्रा विशेष झलकियो के साथ विलेज रोड आराधना भवन से गाजे बाजे के साथ हुई। आचार्य भगवंत रविशेखर सुरिश्वर जी ने फरमाया कि मेवाड केशरी भवन मुम्बई, मेवाड भवन पालिताना एवं हिमाचल नगर ये तीनों संस्थाएं धर्म की प्रभावना के साथ साथ मानव सेवा भी कर रही हैं। इसे हिमाचल गुरुदेव की महर कह सकते हैं। साथ ही मेवाड़ मूर्ति पूजक संघ मुम्बई एक स्नेह सम्मेलन रखें ऐसी भवन व्यक्त की।
मानव सेवा को चरितार्थ करने वाले हॉस्पिटल एवं उसकी टीम की डॉक्यूमेंट्री श्रावक समाज के सम्मुख चित्रित की गई। पन्यास प्रवर ललित शेखर मा.सा श्रावक समाज का मार्गदर्शन करते हुए फ़रमाया की “सर्वे भवन्तू सूखी न सर्वे संतु निरामया” मानव सेवा ही सबसे बडा धर्म हैं। मेवाड़ के महान संत के नाम से शुरू की गई हिमाचल सूरी चिकित्सालय बनाकर जो मानव सेवा का कार्य कर रहे वो सबसे बडा धर्म हैं। हिमाचल तीर्थ का बखान करते हुए बताया की बीच में जैन मन्दिर एक तरफ जिव दया की गौशाला एक तरफ। मानव सेवा के लिए ऐसा चिकित्सालय अपने आप में अद्भुत हैं।
मेवाड मूर्तिपूजक संघ मुम्बई के अध्यक्ष मोहन पामेचा ने कहा कि हमारा शौभाग्य है कि आचार्य भगवंत रविशेखर सुरीश्वर जी महाराज साहब का हमें एक दिन का सानिध्य प्राप्त हुआ। हमारी कोशिश थी कि हम आचार्य श्री का चातुर्मास मेवाड़ केशरी भवन में करवाएं पर उसमें हमें सफलता प्राप्त नही हुई परंतु हमारी अरज सुनकर एक दिन का सानिध्य प्रदान किया। हिमाचल चिकित्सालय ट्रस्टी विशेष सहयोगियो, लाभार्थियों दानदाताओ अभिनंदन रजत पत्र, स्मृति चिन्ह द्वारा किया गया। गौरतलब है कि गुरु देव का चातुर्मास प्रवेश 13 जुलाई को ठाकुरद्वार मुम्बई में होगा। मन्त्री किशन सिंघवी ने बताया की इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लियर मेवाड मूर्तिपूजक संघ, हिमाचल सूरी चिकित्सालय ट्रस्ट, मेवाड केशरी नवयुवक मण्डल, मेवाड केशरी महिला मंडल और सम्पूर्ण मेवाड जैन संघ के कार्यकर्ताओं का रहा।
इस अवसर पर हस्तीमल पामेचा (मीरा रोड), अशोक बाफना, श्रीपाल कोठारी, धर्म चन्द कोठारी, किशन लाल कोठारी, मनोज सिसोदिया, देवीलाल पमेचा, मगनलाल कोठारी, किशन लाल कोठारी, अम्रत कोठारी, आनील पमेचा, कमलेश राठोड, प्रदीप मेहता, आशीष कोठारी, महावीर कोठारी, मुकेश पामेचा, निर्मला मेहता, गजरा कोठारी, निर्मला लोढ़ा, सीमा कोठारी, सरिता पामेचा, रेनु कोठारी, लता मेहता, भावना कोठारी, हीना राठौड़, मिली कोठारी, मीना कोठारी, हीरा पमेचा, विमला सिंघवी, सुभद्रा खाब्या, सुशीला कोठारी, मधु कोठारी, शीतल कोठारी, स्नेहलता सोलंकी, लक्ष्मी कोठारी, पूनम कोठारी, कांता कोठारी, मिता कावड़िया, ललिता मेहता, सविता मेहता, विमला मेहता, शारदा पामेचा, हर्षिता कोठारी, हंसा हिंगर आदि की उपस्थिति रही।
विशेष सहयोगी के रूप में दिनेशकुमार सुरतराम कोठारी, सायरबाई चुन्नीलाल मेहता, विनयचंद डालचंद हिंगड़, धुलीबाई हस्तीमल राठौड़, संपतलाल रंगलाल सिंघवी, भीमराज ओगडमल सुराणा, मोहनलाल मूलचंद कावडिया, लक्ष्मीलाल जसराज बड़ाला, गहरिलाल पृथ्वीलाल हिंगड़, ख्यालीलाल नानालाल कोठारी, ओमप्रकाश मोहनलाल मेहता, चांदमलजी कच्छारा एवं लाभार्थी में सूंदर बाई मोहनलाल मेहता, भूमी पूजन व खनन मुहूर्त सुनिलकुमार विनयचंद राठौड़, चिकित्सालय उद्घाटनकर्ता मोडीबाई मोहनलाल कोठारी, मुख्य द्वार के लाभार्थी घारीबाई चम्पालाल श्रीश्रीमाल, स्वागत कक्ष व जल मंदिर बाबुलाल नाथुलाल पालीवाल, पुरुष वार्ड लाभार्थी बदमबाई खिमराजज कोठारी, ऑपरेशन थिअटर न १ सोहनलाल भावरलाल कोठारी, नेत्र ऑपरेशन थिएटर बाबुलाल राजमल राठौड़, एक्सरे रूम धर्मचन्द भवरलाल धोका, ऑपरेशन थिअटर न २ उदलदेवी वर्दीचंद कोठारी, ICU वार्ड अर्जुनलाल भावरलाल धोका, पोस्ट वार्ड बदामबाई सोहनलालजी कोठारी, नेत्र परीक्षण कक्ष दिनेशकुमार हरकलाल बडाला, ओ. पी. डी. न १ गणेशमल पन्नालाल कोठारी, ओ. पी. डी. न २ शान्तिलाल डूंगरमल श्रीश्रीमाल, गणपती मंदिर लालचंद पन्नालाल कोठारी, मेडिकल स्टोर सोहनलाल भवरलाला कोठारी, स्टाफ क्वाटर कुन्दनमल हीरालाल कोठारी, स्टाफ क्वाटर श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ, स्टाफ क्वाटर मांगीबाई हस्तीमल परमार, स्टाफ क्वाटर अमृतलाल भेरुलाल पामेचा, स्टाफ क्वाटर रूपाबेन गणेशमल बाफना मशीनरी एवं चढ़ावा गजराज सोहनलाल कोठारी, मुनीम का चढ़ावा भावरलाल ख्यालीलाल तातेड़, रोगीवाहन के लाभार्थी डॉ. राजेशजी रस्तोगी वरिष्ठ नेत्र विशेषज्ञ, चन्दनमल वरदीचंद सिंगवी, पूर्व अध्यक्ष हिमाचल सूरी नगर, दिनेशकुमार सुरतराम कोठारी, चिकित्सालय आर्किटेक्ट, डॉ. हस्तीमल मांगीलाल मादरेचा, चिक्त्सालय के ट्रस्टीगण सुभाषकुमार रूपचंद कोठारी, धर्मचंद नानालाल कोठारी, धर्मचंद मांगीलाल कावडिया, धर्मचंद भीमराज सराफ, डॉ. निर्मल हस्तीमल मादरेचा, चंदनमल वक्तावरमल कावडिया, बाबुलाल गणेशमल बाफना, फतेलाल राजमल सराफ, देवीलाल खेमराज कोठारी, श्रीपाल मगनलाल कोठारी, सोहनलाल भवरलाल कोठारी, फूलचन्द गोपिलाल कोठारी, कीसनलाल भेरूलाल कोठारी, किशोर सोहनलाल राठौड़, मनहोरलाल खेमराज शिशोदिया, धर्मचंद भवरलाल धोका, मोहनलाल वक्तावरमल पामेचा, देवीलाल छगनलाल पामेचा, भवरलाल हीरालाल पामेचा, भेरुलाल नंदलाल संघवी, मांगीलाल गणेशलाल चंडालिया, सुनील विनयचंद राठौड़, पोपटलाल मोडिलाल मेहता, ओमप्रकाश मोहनलाल मेहता, चांदमल वर्दीचंद सिंघवी, महेंद्रकुमार मोहनलाल कोठारी, हस्तीमल चंदनमल राजावत, प्रकाश फोजमाल चपलोत, तनसुख पन्नालाल हिंगड़, मांगीलाल मोतीलाल खाबिया, सोहनलाल मांगीलाल लोढा, किशनलाल भेरुलाल बाबेल, मनसुख वरदीचंद कोठारी, रामेशकुमार पृथ्वीलाल सोनिगड़ा, हिम्मतमल मनोहरलाल कोठारी, अम्बालाल मांगीलाल कांठेड़, केशरीमल मगनलाल कोठारी, चंदुलाल नाथूलाल चंडालिया, फतेलाल भेरुलाल बाबेल, लक्ष्मीलाल नानालाल चड़ालिया, मीठालाल हीरालाल सिंघवी, जीवराज नाथूलाल कोठारी, ख्यालीलाल नानालाल कोठारी, जुगराज सोहनलाल मेहता, रतनचंद नथमल मेहता, जयंतीलाल भवरलाल राठौड़, रोशनलाल मांगीलाल नाहर, हेमराज मांगीलाल चड़ालिया, कान्तिलाल सोहनलाल मेहता, सुरेशकुमार सोहनलाल मेहता, मोतीलाल भेरुलाल पामेचा रहे। यह जानकारी किशन सिंघवी ने दी।