नई दिल्ली. प्रधानमंत्री जन धन खाता योजना के अंतर्गत खोले गए बैंक खातों में जमा राशि का आंकड़ा एक लाख करोड़ रुपए के पार पहुंच चुका है। पांच साल पहले मोदी सरकार ने यह योजना शुरू की। वित्त मंत्रालय ने 3 जुलाई को राज्यसभा में डाटा पेश किया। इसके मुताबिक 36.06 करोड़ खातों में 1,00,495.94 करोड़ रुपए की राशि जमा हुई।
सरकारी डाटा में बताया गया कि जन धन खातों में जमा राशि लगातार बढ़ी है। 6 जून को यह 99,649.84 करोड़ रुपए थी। एक सप्ताह पहले यह आंकड़ा 99,232.71 करोड़ रुपए था। यह योजना 28 अगस्त 2014 को लॉन्च हुई। इसका उद्देश्य देश के हर व्यक्ति को बैंकिंग सेवा से जोड़ना था।
मार्च 2019 में जीरो बैलेंस खातों की संख्या कम हुई
वित्त मंत्रालय के मुताबिक मार्च 2018 में जन धन योजना के अंतर्गत जीरो बैलेंस खातों की संख्या 5.10 करोड़ थी, जो मार्च 2019 में 5.07 करोड़ थी। 28.44 करोड़ खाताधारकों को रुपे डेबिट कार्ड्स जारी किए गए।
दुर्घटना बीमा एक लाख रु.से बढ़कर दो लाख रु.
रिपोर्ट के अनुसार बीएसबीडी खातों में न्यूनतम बैलेंस की जरूरत नहीं। 28 अगस्त 2018 के बाद खोले गए जन धन खातों में दुर्घटना बीमा एक लाख रुपए से बढ़ाकर दो लाख रुपए किया गया। दरअसल, सरकार ने अब अपना फोकस हर किसी के लिए बैंक खाते से हटाकर हर उस युवा पर केंद्रित किया, जिसके पास बैंक खाता नहीं है।
योजना का मकसद हर वर्ग को बैंकिंग से जोड़ना
जन धन खातों में 50 % खाताधारक महिलाएं हैं। इस योजना का मकसद समाज के कमजोर और न्यूनतम आयु वाले समूह को बैंक खाते, बीमा, पेंशन जैसी सुविधाएं मुहैया करवाना है। केंद्र सरकार किसी भी योजना से जुड़ा पैसा डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना के जरिए जन धन खाताधारकों के खाते में भेजती है।
सरकार ने बताया- जन धन खाते में 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा जमा हुए
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