नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना के सुखोई फाइटर जेट फ्रांस के लड़ाकू राफेल विमान के साथ गरुड़ -सीरीज एरियल वॉर गेम्स में भाग लेने के लिए मंगलवार को फ्रांस के लिए रवाना हो गए। दोनों देशों की वायु सेनाओं के बीच होने जा रहे सबसे बड़े हवाई युद्धाभ्यास में, भारतीय दल को राफेल विमानों के साथ उड़ान भरने का मौका मिलेगा, जो इस साल सितंबर से भारतीय वायुसेना के लड़ाकू बेड़े में शामिल होने जा रहे हैं।
भारत और फ्रांस दोनो ही देशों के आपसी सैन्य संबंधों को मजबूती देने के लिए यह व्यापक वायुसैनिक अभ्यास किया जा रहा है। गरुड़ अभ्यास के तहत वायुसेना के सुखोई 30 लड़ाकू विमानों के बेड़े के साथ ही हवा में ईंधन भरने वाले विमान आईएल-78 को भी फ्रांस भेजा गया है। वायुसेना की भागीदारी में सुखोई -30 एमकेआई, आईएल-78 टैंकर एयरक्राफ्ट और इलयुशिन आईएल-76 अवाक्स एयरबोन शामिल है।
दोनों रणनीतिक सहयोगियों के बीच इस अभ्यास का बड़ा महत्व है। इस युद्धाभ्यास में 120 से ज्यादा वायुसेना अधिकारी हिस्सा ले रहे है और यह अभ्यास जुलाई के पहले हफ्ते में शुरू होगा जो दो हफ्ते तक चलेगा। फ्रांस का राफेल फाइटर जेट के साथ भारत का सुखोई-30 फाइटर आकर्षण का केंद्र होगा। इस अभ्यास के लिये वायुसेना के सी-17- ग्लोबमास्टर विमान लॉजिस्टिक्स समर्थन देंगे।
भारतीय वायुसेना ने यहां बताया कि फ्रांसीसी वायुसेना के साथ वॉर गेम एक फ्रांसीसी हवाई अड्डे पर आयोजित किया गया है। इसके तहत वायुसैनिकों के दो समूहों ने मंगलवार को बरेली और आगरा से उड़ान भरी है। बरेली स्थित 24 स्क्वाड्रन ‘हॉक्स’ से भारत का प्रतिनिधित्व किया जा रहा है।
यहां वायुसेना के प्रवक्ता ने बताया कि इस अभ्यास से दोनों वायुसेनाओं के बीच आपसी तालमेल और एक दूसरे की श्रेष्ठ प्रक्रियाओं और रणनीति को समझने का मौका मिलेगा। इस साझा युद्धाभ्यास से दोनों वायुसेनाओं के बीच पेशेवर आदान प्रदान को बढ़ावा मिलेगा और अंतरराष्ट्रीय माहौल में युद्ध संचालन का अनुभव मिलेगा।
गौरतलब है कि युद्ध-नीति साझेदारी पर भारत और फ्रांस के बीच जनवरी 1998 में हस्ताक्षर किए गए थे। सन् 2003 से गरुड़ युद्ध अभ्यास कभी भारत में तो कभी फ्रांस में आयोजित हो रहा है। पहला गरुड़ फरवरी 2003 में मध्य प्रदेश के ग्वालियर में आयोजित किया गया था। तब से विभिन्न गरुड़ युद्ध अभ्यास फ्रांस और भारत में आयोजित किए गए हैं। पांचवा इंडो-फ्रांस एयर अभ्यास गरुड़ 2004 में वायुसेना के जोधपुर स्थित स्टेशन पर आयोजित किया गया था।
इससे पहले भारत और फ्रांस ने हाल ही में अरब सागर में वरुणा सीरीज के तहत नौसैनिक अभ्यास आयोजित किया था, जिसमें भारतीय नौसेना के लड़ाकू विमानों ने फ्रांसीसी वायुसेना के राफेल-एम के साथ भाग लिया था। भारत और फ्रांस रणनीतिक साझेदार हैं और पिछले कई वर्षो में अपने रणनीतिक सहयोग को बढ़ा रहे हैं।
भारत ने प्रोजेक्ट 75 के तहत अपनी नौसेना के लिए स्कॉर्पीन के रूप में फ्रांसीसी पनडुब्बियों का विकल्प भी चुना है। पिछले कई वर्षो से परस्पर सहयोग में इजाफा कर रहे भारत और फ्रांस की सरकारों के बीच वर्ष 2016 में 36 राफेल विमानों का सौदा हुआ है। पहले राफेल विमान को इसी साल सितंबर में भारत आना है।