मुंबई। “रिश्तो की सही परवरिश से खुशहाल परिवार” आचार्य श्री महाश्रमण जी के शिष्य मुनि श्री जिनेश कुमार जी के सानिध्य में अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल द्वारा निर्देशित कार्यशाला जैन उपाश्रय में रखी गई। मुनिश्री ने फरमाया की भावना, भावुकता, भाषा का नाम परिवार है। हमें नयी पीढी के साथ ही नहीं पुरानी पीढ़ी के साथ भी रिश्ते बनाने हैं।
मुनि श्री परमानंद जी ने कहा जिंदगी में रिश्ते हो उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना महत्व रिश्तो में जिंदगी हो। महिला मंडल द्वारा मंगलाचरण एवं स्वागत भाषण अध्यक्षा कांता सोलंकी ने किया। संयोजन प्रफुल्ला चपलोत ने किया। आभार ज्ञापन प्रिया सुराना द्वारा।
अंधेरी में कनेक्शन ‘विद न्यू जनरेशन’ कार्यशाला का आयोजन
Leave a comment
Leave a comment