नई दिल्ली: भारतीय मीडिया के जाने-माने चेहरा वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर का 95 साल की उम्र में आज निधन हो गया। बताया जा रहा है कि कुलदीप नैयर बीते तीन दिनों से दिल्ली के एक अस्पताल के आईसीयू में भर्ती थे। काफी समय में से उनकी सेहत बहुत खराब थी। बुधवार की रात करीब साढ़े बारह बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। आज दोपहर एक बजे लोधी रोड पर स्थित घाट में अंतिम संस्कार होगा।
वरिष्ठ पत्रकार तथा राजनयिक कुलदीप नैयर के देहावसान पर संवेदना व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट में कहा, “एमरजेंसी के खिलाफ उनका कड़ा रुख, जनसेवा तथा बेहतर भारत के लिए उनकी प्रतिबद्धता को हमेशा याद रखा जाएगा…” इनके अलावा, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी दुख प्रकट किया।
कुलदीप नैयर के निधन पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीलाल ने दुख जताया और ट्वीट किया- वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर के निधन की बुरी खबर मिली। वह प्रेस की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए लड़ाई के लिए याद किये जाएंगे। उनके निधन से राष्ट्र को बड़ी हानि हुई है।
टिप्पणियां बता दें कि कुलदीप नैयर कई किताबें लिख चुके हैं। कुलदीप भारत सरकार के प्रेस सूचना अधिकारी के पद पर कई वर्षों तक कार्य करने के बाद वे यू.एन.आई, पी.आई.बी., ‘द स्टैट्समैन’, ‘इण्डियन एक्सप्रेस’ के साथ लम्बे समय तक जुड़े रहे थे. वे पच्चीस वर्षों तक ‘द टाइम्स’ लन्दन के संवाददाता भी रहे हैं।
गौरतलब है कि पत्रकारिता की दुनिया में कुलदीप नैयर पत्रकारिता अवार्ड भी दिया जाता है। 23 नवम्बर, 2015 को वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक कुलदीप नैयर को पत्रकारिता में आजीवन उपलब्धि के लिए रामनाथ गोयनका स्मृ़ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया. उन्हें यह पुरस्कार दिल्ली में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में केद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने प्रदान किया था। कुलदीप नैयर अगस्त, 1997 में राज्यसभा के मनोनीत सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए।
वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर नहीं रहे
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