नई दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मई को दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। शुक्रवार को मोदी के नेतृत्व में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सोलहवीं लोकसभा को भंग करने की सिफारिश की गई। इसके बाद प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अपने पूरे मंत्रिपरिषद का इस्तीफा सौंप दिया।
राष्ट्रपति ने इस्तीफा मंजूर करते हुए नई सरकार के गठन तक मोदी को कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने रहने को कहा है। वहीं, एनडीए शनिवार को अपना नेता चुनेगा। इसके लिए एनडीए के सांसदों की बैठक संसद के केंद्रीय कक्ष में बुलाई गई है। इसके बाद सरकार बनाने का दावा पेश किया जाएगा। राष्ट्रपति से मिलने के बाद मोदी ने ट्वीट कर कहा, इस कार्यकाल का सूर्य अस्त हो गया, लेकिन हमारे काम की रोशनी लाखों लोगों की जिंदगी में उजाला बिखेरती रहेगी। नए सूर्योदय का इंतजार है।
16वीं लोकसभा भंग करने की सिफारिश-
केंद्रीय मंत्रिमंडल की शुक्रवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में 16वीं लोकसभा भंग करने की सिफारिश की गई। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी। वहीं, देर शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक, मोदी ने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंप दिया है। वह एनडीए की नई सरकार के गठन तक कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने रहेंगे। इससे पहले मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सुबह भाजपा के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के घर जा कर मुलाकात की।
आडवाणी-जोशी का पैर छू आर्शीवाद लिया :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने एनडीए को मिले प्रचंड बहुमत के एक दिन बाद लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी से मुलाकात की। मोदी ने दोनों नेताओं का पैर छूकर आर्शीवाद लिया। इसके बाद मोदी ने ट्वीट कर कहा, आडवाणी जी से मुलाकात की। भाजपा की सफलता आज इसलिए संभव हो पाई क्योंकि उनके जैसे महान नेताओं ने पार्टी निर्माण में दशकों बिताए और लोगों को नई विचारधारा दी। जोशी से मुलाकात के बाद मोदी ने ट्वीट कर कहा, डॉ. मुरली मनोहर जोशी एक विद्वान और बुद्धिजीवी हैं। भारतीय शिक्षा में सुधार की दिशा में उनका योगदान उल्लेखनीय है। उन्होंने भाजपा को मजबूत करने के लिए हमेशा काम किया और मेरे समेत कई कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन किया।
मोदी को भाजपा आज चुनेंगी नेता
पार्टी सूत्रों ने कहा कि मोदी को अपना नेता चुनने के लिए भाजपा के सभी नवनिर्वाचित सांसदों की शनिवार को बैठक हो सकती है। इसके बाद वह राष्ट्रपति से मिलकर नई सरकार बनाने का दावा करेंगे।
क्या होती है सरकार गठन की प्रक्रिया
- – केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक कर मौजूदा लोकसभा को भंग करने की सिफारिश का प्रस्ताव पारित करता है
- – इसके बाद प्रधानमंत्री राष्ट्रपति से मुलाकात कर प्रस्ताव तथा मंत्रिपरिषद का इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंपेंते हैं
- – उसके बाद प्रधानमंत्री को नई सरकार के गठन तक पद पर बने रहने को कहा जाता है
- – इसके बाद नए सदन के गठन की प्रक्रिया के लिए तीन चुनाव आयुक्त राष्ट्रपति को नवनिर्वाचित सदस्यों की सूची सौंपेंगे
- 17वीं लोकसभा चुनाव: 197 सांसद 2019 में दोबारा चुनकर आये