नई दिल्ली:भाजपा ने मंगलवार को चुनाव आयोग से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राज्य में चुनाव प्रचार से रोकने का अनुरोध किया और आरोप लगाया कि वहां ‘संवैधानिक तंत्र ध्वस्त’ हो गया है। कोलकाता में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान हिंसा और आगजनी की घटना के बाद केन्द्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और मुख्तार अब्बास नकवी सहित पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग पहुंचा और राज्य में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की।
नकवी ने ममता बनर्जी पर कथित तौर पर भाजपा को निशाना बनाने के लिए हिंसा में ”सहभागी” होने का आरोप लगाया और दावा किया कि उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के अपने कार्यकर्ताओं को भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला करने के लिए ”उकसाया।”
भाजपा प्रतिनिधिमंडल के चुनाव आयोग से मिलने के बाद नकवी ने संवाददताओं से कहा, ”वह एक संवैधानिक पद पर हैं लेकिन असंवैधानिक टिप्पणियां कर रही हैं। अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को बदला लेने और हिंसा में शामिल होने के लिए कह रही हैं। वह सहभागी हैं। उन्हें प्रचार से तत्काल रोका जाना चाहिए।” उन्होंने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस के ”गुंडों” ने राज्य प्रशासन को बंधक बना लिया है और शाह के रोड शो के दौरान हिंसा इसका एक उदाहरण है।
अमित शाह के कोलकाता रोडशो में हिंसक झड़पें, आगजनी
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के मंगलवार को कोलकाता शहर में हुए विशाल रोड शो के दौरान भाजपा और तृणमूल कांग्रेस समर्थकों के बीच हिंसक झड़पें हुईं। हालांकि शाह को किसी तरह की चोट नहीं आई और पुलिस उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले गई। अधिकारियों ने बताया कि शहर के कुछ हिस्सों में हिंसा भड़क उठी जब विद्यासागर कॉलेज के भीतर से टीएमसी के कथित समर्थकों ने शाह के काफिले पर पथराव किया जिससे दोनों पार्टियों के समर्थकों के बीच झड़प हुई।
गुस्साए भाजपा समर्थकों ने भी उसी तरह प्रतिक्रिया दी और कॉलेज के प्रवेशद्वार के बाहर टीएमसी प्रतिद्वंद्वियों के साथ मारपीट करते नजर आए।
बाहर खड़ी कई मोटरसाइकलों को आग के हवाले कर दिया गया। ईश्वर चंद्र विद्यासागर की आवक्ष प्रतिमा भी झड़प के दौरान तोड़ दी गई। पुलिसकर्मी पानी भरी बाल्टियों से आग बुझाने की कोशिश करते देखे गए। रोडशो के लिए तैनात किए गए कोलकाता पुलिस के दस्ते ने तुरंत हरकत में आते हुए इन समूहों का पीछा किया।