सूरत। आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि श्री कमलकुमार जी ने कहा कि शासन स्तम्भ मंत्री मुनि श्री सुमेरमल जी स्वामी को आचार्य श्री तुलसी, आचार्य श्री महाप्रज्ञ व आचार्य श्री महाश्रमण तीनो के युग मे चातुर्मास में सेवा का लाभ भी मिला व तीनो ही आचार्यों के युग मे दीक्षा प्रदान करने का संयोग भी प्राप्त हुआ, आपकी विद्वता, सहजता विनम्रता व गुरुभक्ति विलक्षण थी, ये उद्गार मुनि श्री कमल कुमार ने भटार रोड़ स्थित तुलसी दर्शन एपार्टमेंट में मंत्री मुनि श्री सुमेरमल जी स्वामी के देवलोकगमन पर गुणानुवाद स्मृति सभा के द्वितीय चरण में व्यक्त किये, मुनि श्री ने कहा कि तेरापंथ धर्म संघ में इतना सम्मान शायद आप ही को प्राप्त हो पाया, “इतिहास मनीषी”, “बहुश्रुत परिषद के संयोजक” “शासन स्तम्भ मंत्री” आदि अलंकरण अपने आप मे गौरव का विषय है, मुनि श्री ने कहा कि आपकी अप्रमतता कार्य शैली हम सभी के लिए स्तवनीय ही नही बल्कि अनुकरणीय भी है,
कमल मुनि ने कहा कि मंत्री मुनि ने महज साढ़े नो वर्ष की उम्र में दीक्षा ग्रहण कर दी थी व उनकी अदभुत नेतृत्व क्षमता को परखते हुए आचार्य श्री तुलसी ने उनको महज 21 वर्ष की उम्र में अग्रगण्य का दायित्व सौंप दिया था, मुनि श्री ने कहा कि मंत्री मुनि के परिवार से उनके बड़े भाई हनुमान मल जी व उनकी बहिन साध्वी केसर जी के रूप में दीक्षित हुई, विशेष यह भी है कि ये तीनो भाई-बहिन तेरापंथ धर्म संघ में अग्रणी बने, आप इस धर्म संघ में दूसरे “मंत्री मुनि” थे लेकिन “मंत्री मुनि” व “शासन स्तम्भ” जैसे सम्बोधन प्राप्त करने वाले वे एक मात्र सन्त थे, ज्ञात रहे कि मंत्री मुनि का देवलोकगमन 87 वर्ष की उम्र में मंगलवार को जयपुर के मालवीय नगर स्थित अणु विभा केंद्र में हुआ था, उनकी अंत्योष्टि बुधवार को जयपुर के आदर्श नगर स्थित जैन श्वेताम्बर मोक्षधाम में हुई, गुणानुवाद सभा मे उपासक श्री मोहन लाल संकलेचा ने भी अपने विचार प्रकट किए, मुनि श्री कमल कुमार शनिवार 11 मई का प्रातःकालीन प्रवचन सुबह 8,15 बजे 51-बी आदर्श सोसायटी स्थित श्री सुरेश भाई मेहता के निवास पर होगा।
मंत्री मुनि श्री सुमेर मल जी “लाडनू” की विद्वता, विनम्रता, सहजता विलक्षण थी: कमल मुनि
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