डोम्बिवली। आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती शिष्य मुनिश्री जिनेशकुमारजी मुनिश्री परमानंदजी के पावन सानिध्यमें अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देशानुसार तेरापंथ महिला मंडल मुंबई के तत्वावधान में तेरापंथ महिला मंडल डोंबीवली ने Connection with Opportunities अवसर ‘सही अवसर की करें पहचान’ सफलता की बने राह आसान कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला की शुरुआत मुनिश्री के महामंत्रोच्चार द्वारा हुई। मंगलाचरण महिला मंडल ने प्रेरणा गीत के द्वारा किया। महिला मंडल संयोजिका सरोज सिघंवी ने सभी का स्वागत अभिनंदन किया।
मुनिश्री जिनेशकुमारजी ने प्रेरक उद्बबोधन प्रदान करते हुए कहा हमें जीवन में कोई भी आए हुए अवसर को खोना नही चाहिये। अवसर पर किया हुआ कार्य स्वयं का विकास करता है।
जीवन मे बीते हुए अनेक प्रेरक प्रसंगों से बताया मैंने जीवन में आए हुए अवसर को कभी छोड़ा नही इसलिए आज विकास कर पाया।श्रमशील बने पुरुषार्थ करे व समय प्रबंधन का सही नियोजन करे।
मुनिश्री परमानंदजी ने प्रेरणा देते हुए कहा जीवन में हर व्यक्ति सफल बनना चाहता है। उसे जीवन में आए हुए हर अवसर का सकारात्मक उपयोग करके पुरुषार्थ की दिशा सही रखनी चाहिए जीवन में कोई भी अवसर हो उसे छोड़ना नहीं चाहिए अपनी योग्यता को बढ़ाना चाहिए तभी वह जीवन में सफल बन आगे बढ़ पाएगा स्वयं की जीवनशैली को सुनियोजित व हीनभावना को दूर करना चाहिए।
मुख्य वक्ता प्रोफ़ेसर श्रीमती रत्ना जी कोठारी अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल की विशेष आमंत्रित सदस्य, ज्ञानशाला की राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्या आपने बहुत ही सरल शब्दों में सही अवसर की कैसे करे पहचान व निर्माण के बारे मे बताया।अवसर आपको दस्तक देकर नही आएगा। जीवन में एक लक्ष्य रखे व उसके लिए स्वयं को जागरुक आत्मविश्वासी व पुरी क्षमता के साथ अथक श्रम कर तैयार रहना है।नए विचार व कुछ कल्पनाएँ अलग से करे। तब आप सही अवसर का निर्माण कर पाएँगे।
सभी बहनों ने इस सुअवसर का लाभ लिया गरिमामयी उपस्थिती प्रदान की। कुशल संचालन सहसंयोजिका पिंकी परमार व आभार ज्ञापन संयोजिका ने किया। मुनिश्री के मंगलपाठ के साथ कार्यशाला संपन्न हुई।
डोम्बिवली में ‘सही अवसर की करें पहचान’ कार्यशाला का आयोजन
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