धुलिया वालों की भक्ति भावना अनूठी – साध्वीश्री निर्वाणश्री
धुलिया। महातपस्वी आचार्यश्री महाश्रमणजी की विदुषी सुशिष्या शासन श्री साध्वीश्री पद्मावतीजी एवं विदुषी साध्वीश्री निर्वाणश्री जी सफल शेषकालीन प्रवास की संपन्नता पर साध्वीश्री की आगामी यात्रा के प्रति मंगलभावना व्यक्त की गई। शासन श्री साध्वीश्री पद्मावतीजी ने अपने ह्रदयाेंगारद्गार की इस रूप में प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा- हमारा धुलिया आना सार्थक हो गया। यहां की भक्ति भावना व साध्वीश्री निर्वाणश्री जी को साथ में रहना दोंनो यादगार रहेंगे। साध्वियों के आत्मीय व्यवहार से सबका मन गद्गद् है।
विदुषी साध्वीश्री निर्वाणश्री जी ने अपने प्रेरक वक्तव्य में कहा- धुलिया महानगरों एवं बड़े शहरों की तुलना में भले ही छोटा है। पर यहां के श्रावक समाज की भक्ति भावना अनूठी है। धुलिया में हमारा यह प्रवास शासन श्री पद्मावती जी की देन है। आपकी सहज सरलता दिल को छूने वाली है। साध्वीश्री डॉ गवेषणा जी ने कहा- धुलिया के भवन के कमरे भले छोटे है पर साध्वीश्री निर्वाणश्री जी एवं सहवर्तिनी साध्वियों के दिल इतने विशाल है कि यह सहवास उपलब्धि पूर्ण हो गया। यहां ज्ञान योग के साथ क्रियायोग भी सतत चलता रहा।
साध्वीश्री डॉ योगक्षेमप्रभाजी ने अपने वक्तव्य में कहा – शासन श्री साध्वीश्री पद्मावतीजी से मिलने की उत्कंठा ने हमें धुलिया बुलाया। यह साध्वीवृंद की विशेष कृपा रही कि धुलिया वालों की बेट्री पुनः रिचार्ज हो गई। साध्वीश्री मंयकप्रभाजी ने कहा -चातुर्मास की सफलता का पैमाना है लोगों की जागरूकता एवं प्रमोदभाव । साध्वीश्री निर्वाणश्री जी का धुलिया पावस शत-प्रतिशत सफल रहा है। इसकी चर्चा जन-जन के मुख पर सुनकर खुशी होती है। साध्वीश्री लावण्यप्रभाजी ने गीत की प्रस्तुति दी।
तेरापंथ सभा के मंत्री विनोद जी घुड़ीयाल एवं तेयुप के अध्यक्ष दिनेश सूर्या ने साध्वीद्वय के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हुए आगामी यात्रा एवं पावस की शुभकामना प्रकट की। इस अवसर पर श्रद्धानिष्ठ श्रावक नानकरामजी तनेजा एवं सभा के कार्यकर्ता एवं बहनों की विशेष उपस्थिति रही। साध्वीश्री जी क धुलिया प्रवास श्री मती संगीता सूर्या ,श्री मती शान्तादेवी तनेजा , निशा पोपली आदि बहिनों की उल्लेखनीय सहभागिता रही। यह जानकारी संगीता सूर्या नेे दी।