नई दिल्ली:गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली को दहलाने की साजिश रचने वाले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों के साथियों की तलाश जारी है। स्पेशल सेल की टीम श्रीनगर सहित दिल्ली में उनकी तलाश कर रही है। इसके लिए दो टीमें बनाई गई हैं। इसका नेतृत्व इंस्पेक्टर स्तर के एक अधिकारी को सौंपा गया है। वहीं, वरिष्ठ अधिकारी मामले पर नजर रखे हैं। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस मामले में जल्द और गिरफ्तारियां की जाएंगी।
पिछले दिनों स्पेशल सेल ने जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकी अब्दुल लतीफ और हिलाल अहमद को गिरफ्तार किया था। लतीफ के पास से दो हैंड ग्रेनेड, एक स्वाचालित पिस्टल और 26 कारतूस बरामद हुए थे। दोनों मूल रूप से जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं। उन्हें पाकिस्तानी हैंडलर से आर्थिक मदद मिल रही थी।
पूछताछ में पता चला है कि इंडिया गेट, दिल्ली सचिवालय, लाजपत नगर मार्केट, हज मंजिल और पूर्वी दिल्ली स्थित आइजीएल की पाइप लाइन सहित दिल्ली स्थित वीवीआइपी की कोठियां उनके निशाने पर थीं। पूछताछ में पुलिस के आतंकियों से जुड़े करीब 10 लोगों की जानकारी मिली है। सभी जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं। इसकी जानकारी के बाद पुलिस की दो अलग-अलग टीमें श्रीनगर और दिल्ली में संदिग्धों की तलाश कर रही हैं। हालांकि, कई बार छापेमारी के बाद भी स्पेशल सेल को अभी तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है।
हाई अलर्ट के दौरान हवाई क्षेत्र में ड्रोन
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में हाई अलर्ट के दौरान गणतंत्र दिवस पर हवाई क्षेत्र में ड्रोन उड़ाने का मामला सामने आया है। कोलकाता से इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (आइजीआइ) आ रहे स्पाइस जेट एयरलाइंस के विमान की पायलट ने यह ड्रोन गेट्रर नोएडा क्षेत्र में देखा। पुलिस ड्रोन उड़ाने वाले का पता नहीं लग सका। इस संबंध में आइजीआइ के डोमेस्टिक एयरपोर्ट थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
गणतंत्र दिवस पर सुरक्षा के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने विशेष दिशा निर्देश जारी किए थे। इसमें 20 जनवरी से 12 फरवरी तक राष्ट्रीय राजधानी के हवाई क्षेत्र में किसी भी प्रकार की पैरा ग्लाइडिंग के लिए प्रतिबंधित है। पुलिस के मुताबिक गणतंत्र दिवस के दिन सुबह करीब 10 बजे कोलकाता से आने वाली स्पाइस जेट की उड़ान संख्या एसजी-130 को आइजीआइ एयरपोर्ट के रनवे संख्या 28 पर उतरना था। इसी बीच विमान की पायलट कैप्टन विजयता सचदेवा ने हवाई सीमा में एक ड्रोन उड़ता देखा। उसकी दूरी रनवे से करीब 20 नोटिकल मील (37 किमी लगभग) थी। पायलट ने इसकी सूचना एयरपोर्ट कंट्रोल रूम को दी। इसके बाद सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय हो गईं। आइजीआइ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जिस स्थान पर पायलट ने ड्रोन देखा था, वह स्थान ग्रेटर नोएडा में आता है। हालांकि, उत्तर प्रदेश पुलिस को संभावित स्थल के आसपास कोई ड्रोन नहीं मिला। फिलहाल एजेंसियां मामले की छानबीन कर रही हैं।
दिल्ली में अब भी छिपे हैं जैश-ए-मोहम्मद के 8 आतंकी
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