फिल्मः ‘मनसुख चतुर्वेदी की आत्मकथा’, निर्देशकः सचिन गुप्ता, स्टारः 2
‘मनसुख चतुर्वेदी की आत्मकथा’ ऐसे युवाओं पर आधारित फिल्म है जो गांवों में रहते हुए यह सपना देखते हैं कि मैं बहुत अच्छा कलाकार हूं, मुंबई जाकर बॉलीवुड का सुपर स्टार बन सकता हूं। हालांकि ऐसे कम ही युवा होते हैं जिनका यह सपना साकार होता है जबकि लाखों युवा गांव की दुनियादारी में उलझकर अपने सपने को साकार करने में कामयाब नहीं हो पाते हैं। ऐसे युवाओं पर घटने वाली एक घटना की कहानी फिल्म ‘मनसुख चतुर्वेदी की आत्मकथा’ में फिल्माया गया है। जिसके निर्देशन सचिन गुप्ता ने किया है। पिछले दिनों अंधेरी पश्चिम में फिल्म का प्रीव्यू रखा गया, जिसमें यह फिल्म दिखाई गई। गांव के उन युवाओं को एक बार यह फिल्म जरूर देख लेनी चाहिए जो ऐसा सपना मन में पाले हुए रहते हैं।
कहानीः यह फिल्म पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के एक गांव रहने वाले एक ऐसे युवा मनसुख चतुर्वेदी की कहानी है, जो बॉलीवुड का सुपरस्टार बनना चाहता है। लेकिन उसके पिता चाहते हैं कि वह घर पर रहकर अपना पुस्तैनी काम पंडिताई करे। मनसुख मुंबई जाकर फिल्में बनाने, उसमें एक्टिंग करने और अवार्ड हासिल करने के सपने देखता रहता है लेकिन उसके साथ तमाम उलझनें हैं। बावजूद इसके इटावा के थिएटर ग्रुप में एक्टिंग करता है, वहां भी उसे मनचाहा रोल नहीं मिल पाता। उसकी जिंदगी में पिता के अलावा भी कई और लोग हैं जो हमेशा उसका सहयोग करते हैं जिनमें उसकी प्रेमिका सपना अवस्थी प्रमुख है, जो एक स्कूल में टीचर है। थक हारकर पिता उसे सुधारने की जिम्मेदारी सपना को इस शर्त के साथ देते हैं कि यदि तुमने इसे 15 दिनों में सुधार दिया तो तुम्हारी शादी इससे कर दूंगा अन्यथा मैंने इसकी शादी किसी और लड़की से तय कर दी है। ठेट पश्चिमी यूपी की भाषा के साथ इस फिल्म में कॉमेडी का बढ़िया तड़का लगाने का प्रयास किया गया है। डायरेक्टर ने एक युवा की जिंदगी के उतार-चढ़ावों और पारिवारिक झंझावतों को कॉमेडी में गूथने की कोशिश की है। क्या मनसुख मुंबई जाकर सुपर स्टार बन पाता है? उसकी गर्लफ्रेंड सपना उसे सुधार पाती है? या गांव में वह क्या-क्या करता है? इन सभी सवालों के जवाब आपको फिल्म ‘मनसुख चतुर्वेदी की आत्मकथा’ में देखने को मिलेगी।
फिल्म में संदीप सिंह भउदरिया, सिकंदर खान व मोनिका मीणा मुख्य किरदार में हैं तथा उनके साथ शालिनी चौहान, अनामिका शुक्ला, मेघना, विशाल चौधरी, अंजलि परिहार आदि कलाकार भी हैं। फिल्म में ठेट इटावा के युवा मनसुख चतुर्वेदी के किरदार में संदीप खूब जमे हैं जबकि मोनिका भी लखनऊ की बोली के साथ अच्छे एक्सप्रेशन दिए हैं। कुल मिलाकर सभी कलाकारों ने अच्छी मेहनत की है। हां, इनसे और भी बेहतर काम लिया जा सकता था। सचिन गुप्ता का निर्देशन कुछ खास कमाल नहीं कर पाया है लेकिन उनमें संभावनाएं खूब हैं।
सुरभि सलोनी की तरफ से इस फिल्म को 2 स्टार।
फिल्म का ट्रेलरः