=भाजपा नेता गोपीनाथ मुंडे को लेकर किया बड़ा खुलासा =सपा, बसपा, आप और कांग्रेस भी इसमें शामिल
लंदन। एक भारतीय साइबर एक्सपर्ट ने दावा किया है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के जरिए धांधली की गई थी। उसका दावा है कि अगर उसकी टीम ने हैकिंग की कोशिशें नहीं रोकी होतीं तो भाजपा राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश का विधानसभा चुनाव आसानी से जीत जाती। इस एक्सपर्ट ने लंदन में जिस प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया, उसमें कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल भी मौजूद थे। हालांकि साइबर एक्सपर्ट के इस दावे को चुनाव आयोग ने नकार दिया है। आयोग ने कहा है कि ईवीएम ‘फुलप्रूफ’ हैं और हम गलत दावे करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के बारे में सोच रहे हैं।
मीडिया खबरों के अनुसार, लंदन में सोमवार को यह प्रेस कॉन्फ्रेंस इंडियन जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन यूरोप की तरफ से कराई गई थी। इसे साइबर एक्सपर्ट सैयद शुजा ने स्काइप के जरिए संबोधित किया और ईवीएम हैकिंग के दावे किए। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उसका मुंह ढंका हुआ था। शुजा अमेरिका में है और वहां राजनीतिक शरण मांग रहा है। शुजा ने दावा किया, ‘‘2014 के आम चुनाव में रिलायंस जियो ने भाजपा की मदद की थी ताकि पार्टी को ईवीएम हैक करने के लिए लो फ्रीक्वेंसी सिग्नल मिल सकें। भाजपा ने मिलिट्री ग्रेड फ्रीक्वेंसी ट्रांसमिट करने वाले एक मॉड्यूलेटर का इस्तेमाल कर ईवीएम्स हैक की थीं। मैं 2014 के चुनाव में इस्तेमाल हुईं वोटिंग मशीनों को डिजाइन करने वाली टीम में था। हमारी टीम को इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की तरफ से यह पता लगाने के निर्देश दिए गए थे कि ईवीएम कैसे हैक की जा सकती है।’’
साइबर एक्सपर्ट ने आरोप लगाया, ‘‘उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और दिल्ली के चुनाव नतीजों में गड़बड़ी की गई थी। भाजपा ने इसी तरह की कोशिशें राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में भी की थीं। अगर हमारी टीम ने इन कोशिशों को नहीं पकड़ा होता तो तीनों राज्यों में भाजपा जीत जाती। 2015 में भी हमने भाजपा की कोशिशों को इंटरसेप्ट किया, इसलिए आम आदमी पार्टी को 70 में से 67 सीटें मिलीं।’’
शुजा ने यह भी दावा किया कि उसे 2014 में भारत छोड़कर इसलिए भागना पड़ा क्योंकि उसकी टीम के कुछ सदस्यों की हत्या हुई थी। उस पर हमला हुआ था। इससे वह डर गया था। वह इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की टीम का सदस्य था। यही कंपनी ईवीएम बनाती है। वह 2009 से 2014 के बीच इसी कंपनी में काम करता था। उसने कहा कि भाजपा के अलावा सपा, बसपा, आप और कांग्रेस भी ईवीएम से छेड़छाड़ करने में शामिल हैं। शुजा ने कहा, ‘‘2014 में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे की हत्या इसलिए की गई क्योंकि वे ईवीएम में हैकिंग की बात जानते थे। एनआईए अफसर तंजील अहमद मुंडे की हत्या की एफआईआर दर्ज कराने वाले थे, इसलिए उन्हें भी मार दिया गया।’’ मुंडे की 2014 में दिल्ली में एक सड़क हादसे में मौत हुई थी।