भुसावल। भुसावल वासियों के कदम आज द्रुतर्गति से मामा बियानी पब्लिक स्कूल एंड जूनियर कॉलेज की ओर उठ रहे थे। क्योंकि आचार्य श्री महाश्रमण जी की विदुषी शिष्याद्वय साध्वीश्री निर्वाणश्रीजी ठाणा 6 एवं साध्वीश्री उज्जवलप्रभाजी ठाणा 4 का आध्यात्मिक मिलन गंगा- यमुना के रूप में हो रहा था। इस विशेष कार्यक्रम में संभागीय होने के लिए पासवर्ती क्षेत्र जामनेर, कुरहा, धुलिया, बुरहानपुर, औरंगाबाद, साक्री, शाहदा, नेपा नगर, जलगांव, बामनोद, वरणगांव, गुजोरा, लातूर आदि विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु जन उपस्थित थे। साध्वी वृंद का प्रथम मिलन विशाल विद्यालय प्रांगण में हुआ। वहां से सुव्यवस्थित रैली के रूप में तेरापंथ भवन के सभागार में सबके उपस्थित होते ही जनता का नयनानीराम दृश्य खिल उठा।
साध्वीश्री निर्वाणश्री जी ने अपने मंगल उद्बोधन में कहा, आज हम सभी साथ भी अत्यंत प्रमुदित है क्योंकि लंबे अंतराल के बाद दूर देश की धरा पर साथियों का मिलन हो रहा है। लोग संगम के लिए प्रयाग जाते हैं, पर आचार्य श्री महाश्रमण जी की कृपा से भुसावल वासियों को एक दुर्लभ अवसर मिला है। अध्यात्म का रंग आप की अस्थियो और मज्जा तक पहुंचे यही हमारी प्रेरणा है।
साध्वी उज्ज्वलप्रभाजी ने स्वागत के प्रत्युत्तर में कहा भुसावल वासियों ने एक ऐसी संयोजन की कि जिससे हमें विदुषी साध्वीश्री जी की सानिध्य में पहुंचने का सौभाग्य प्राप्त हो सका | साध्वी सन्मति प्रभा जी आज पहली बार अपनी जन्मभूमि भुसावल में आई है। भुसावल वासी एवं अन्य श्रद्धालु जब उनका स्वागत त्याग में उपहार से करें। साध्वी योग क्षेम प्रभाजी में अपने संयोजकीय वक्तव्य में कहा, जलगांव से पूर्व भुसावल आने का एक विशेष लक्ष्य था साध्वी उज्जवल प्रभाजी आदि सहयोगी से सम्मिलन। आज के संगम से सबके चेहरे प्रसन्नता से खिल उठे हैं। कल्पनाये यथार्थ के धरातल पर उतर गई है।
इस अवसर पर साध्वी अनुप्रेक्षाजी, साध्वी लावण्यप्रभाजी, साध्वी सन्मतिप्रभा जी ने अपने भावो की प्रासंगिक अभिव्यक्ति दी। खानदेश सभा के अध्यक्ष अनिल जी सांखला, सभा के खानदेश प्रभारी सूरजमल जी सूर्या, स्थानकवासी समाज के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष पीपी कोटेचा, तेरापंथ सभा भुसावल के अध्यक्ष पारसमल जी कोठारी, मंत्री रवि निमाणी, इंदर जी कांकरिया, महिला मंडल की मंत्री सरला निमाणी, किशोर मंडल संयोजक यश कोठारी आदि ने साध्वीवृन्द का स्वागत करते हुए कृतज्ञता ज्ञापित की। साध्वियों के दोनों ग्रुपों की ओर से गाए जानेवाली गीत श्रंखला इतनी भाव भाव भरी थी कि श्रोताओं के स्वर, स्वर उसके साथ मिल के उठे। संगीत के इस माहौल में वर्धापन स्वरों को अभिव्यक्त करते हुए स्थानीय महिला मंडल एवं कन्या मंडल ने भी अहोभाव का अनुभव किया।
भुसावल के इतिहास में आज का दिन चिरस्मरणीय हो गया। चहकते स्वरों के मध्य सब का उल्लास थिरक रहा था। इस कार्यक्रम में नानकराम जी तनेजा, मनोज जी बियानी, वर्धमान स्थानकवासी संघ के अध्यक्ष सुगनजी सुराणाआदी महानुभाव ने शिरकत की। यह जानकारी रवि निमाणी, मंत्री तेरापंथ सभा, भुसावल ने दी।
खानदेश का प्रथम आध्यात्मिक मिलन भुसावल में आध्यात्मिक उल्लास से सरोबोर हुए अध्यात्म रसिक
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