डोम्बिवली। जहां संपूर्ण भारत देश गणतंत्र दिवस की सौरभ से सुरभित हो रहा था उसी खुशबु में मिश्रित होते हुए जैन श्वेताम्बर तेरापंथ समाज डोंबिवली एक और अपने देश के लिए तो दुसरी और अपने आराध्यवरम की अगवानी में पलकें बिछाए खड़ा रहा।
तेरापंथ धर्म संघ के एकादशम अधिशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण जी ने अपनी धवल सेना संग विशाल रैली के साथ डोंबिवली में ग्यारह आचार्य के नाम से सजे भिक्षु द्वार से लेकर महाश्रमण द्वार 11 आकर्षक द्वार से भव्य स्वागत के साथ प्रवेश किया।
नेह में स्नेह मृदु मुस्कान के साथ भोरी समाज,वर्धमान जैन संघ,आर एस एस टीम ने भाव भरा स्वागत अभिनंदन किया।
महावीर चौक पर ज्ञानशाला के ज्ञानार्थीयों ने देश के सैनानी बन झाँकी प्रस्तुत कर ज्योतिचरण का जोरदार स्वागत किया।
विशाल रैली ने प्राचीन गणेश मंदिर से होकर जोशी हाई स्कुल में प्रवेश किया।
संत से राष्ट्रीय संतजन,मी डोंबिवली आदि झांकी, आचार्य श्री महाश्रमण जी के 50 वे दीक्षा महोत्सव की रंगोली के साथ 50 ज्ञानार्थीयों ने महाश्रमण अष्टकम का संगान कर भावपूर्ण स्वागत किया। तेरापंथी सभा अध्यक्ष श्री गणपतजी हिंगड ने पुरे डोंबिवली समाज की ओर से स्वागत किया।
समस्त सभा संस्थाओं द्वारा अपने भगवान का जोरदार स्वागत मधुर गीतिका के साथ किया गया महिला मंडल ने अपनी मधुर स्वर लहरियों से वर्धमान की गूंज फैलाई कन्या किशोर मंडल ने अणुव्रत डिजिटल डिटोक्स पर नाटक प्रस्तुत किया। निशा प्रवीण जी इटोदिया ने 13 की तपस्या की भेंट श्री चरणों में अर्पित की
प्रथम दिवस पर वर्धमानता पर गुरुदेव ने मंगल पाथेय प्रदान करते हुए निवेदित किया की धर्म संघ में साधु साध्वीयां वर्धमान बनें। संख्या ही नही ज्ञान व गुणवत्ता की दिशा में वर्धमानता हो गणतंत्र दिवस पर भारत में नैतिक और आध्यात्मिक चेतना वर्धमान रहे ऐसी मंगलकामना की साध्वीवर्याजी ने फरमाया कि अनुशासन और तेरापंथ धर्म संघ की वर्धमानता का गहरा संबंध है।साधु साध्वियों और समणी वृंद की भाव विभोर मधुर गीतिका का प्रस्तुतिकरण हुआ।
द्वितीय दिवस पर गुरुदेव महती कृपा कराते हुए डोंबिवली पश्चिम की जनगणमन स्कूल में पधारें वहाँ पर जीवन विज्ञान कक्ष और अणुव्रत कक्ष का अनावरण हुआ एवं प्रेरणा पाथेय प्रदान किया।
सभा मंत्री श्री जगदीशजी परमार ने अर्ज करते हुए कहा कि हमारी डोंबिवली की सड़क गली चौराहे तो आपके चरण से पावन हुए ही है अब हर साल चातुर्मास प्रदान कराने की कृपा करावे।
महिला मंडल अध्यक्ष श्रीमती सीमाजी कोठारी, तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष श्री ललितजी मेहता ने स्वागत भाषण दिया और अनुशासन तथा मृदु मुनि के प्रति विशेष मंगलकामना व्यक्त की और कहा कि मुनिद्वय धर्म संघ की और अधिक से अधिक प्रभावना करे।
तेरापंथ युवक परिषद और सभा ने मिल गीत का सुमधुर संगान किया। ज्ञानशाला के नन्हे बाल ज्ञानार्थीयों ने पंच परमेष्ठी पर आकर्षक मनमोहक प्रस्तुति दी और 108 संकल्पों की आध्यात्मिक माला श्री चरणों में भेंट की साथ ही अनुशासन और मृदु मुनि जैसे ओर भी हीरे हमारी ज्ञानशाला से उभरे ऐसे आशीर्वाद की अर्ज की तत्पश्चात् डोंबिवली ज्ञानशाला की मुख्य प्रशिक्षिका मधुजी कोठारी समेत समस्त प्रशिक्षिकाओ ने अपनी सुमधुर गीतिका के माध्यम से पूरे पांडाल को वर्धमानमय बना दिया मुख्य मुनि महावीर कुमारजी ने तीन मुख्य बिंदु का विवेचन किया १ वैराग्य २ श्रम ३ सहनशीलता इनसे हमारा धर्म संघ और अधिक वर्धमान बन सकता है।
प्रमुखा श्री विश्रुत विभाजी ने फरमाया कि तेरापंथ धर्म संघ की सशक्त आचार्य परंपरा ने इसे सिंचित कर प्रवर्धमान बनाया और यहां आने वाले हर सदस्य को जन्मघूंटी में ही अच्छे संस्कार दिए जाते हैँ।
गोटक संप्रदाय के शासन प्रभावक प पू जयेश चंद्रजी म सा शासन रत्न डॉ प पू सुपार्श्व चंद्र जी म सा साध्वी रत्ना जी प पू सुधा बाई म स प पू ज्योत्सना बाई म स प पू श्रद्धा बाई म स प पू वंदना बाई म स की भी मंगल सन्निधि में उपस्थित हुए
गुरुदेव के पावन सानिध्य में बुद्धिजीवी सम्मेलन का आयोजन हुआ एवं सायंकाल में 7-8 गुरुदेव का महत्वपूर्ण इंगित शनिवार की सामयिक अच्छी संख्या में श्रावक श्राविकाओं ने की
जोशी हाई स्कूल के प्रांगण में गुरुदेव के पावन सानिध्य में मेघा ब्लड डोनेशन केम्प
आई चेकअप केम्प एवं आध्यात्मिक गेम्स जॉन में नन्हे बच्चों से बड़ों तक लाभान्वित हुए
गुरुदेव मुख्य मुनि प्रवर प्रमुखा श्री जी और साध्वी वर्या जी ने महती कृपा कर संपूर्ण डोंबिवली सभा भवन आइकॉन हॉस्पिटल
और एटीडीसी में भी पगलिया करवाए साथ ही जैन मंदिर में भी आप पधारे नव निर्मित कन्या सुरक्षा सर्कल का आचार्य श्री महाश्रमण जी की पावन सन्निधि में मा. आमदार महाराष्ट्र केबिनेट मंत्री श्री रविंद्र चव्हाण के कर कमलों से उदगाटन किया गया। इस अवसर पर निवर्तमान अभातेममं राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती निलमजी सेठिया एवं अभातेममं राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष श्रीमती तरूणाजी बोहरा की गरिमापूर्ण उपस्थिति रही।
श्री राजेश जी मोरे ने वक्तव्य दिया। भोइर जीमखाना के बच्चों ने जिमनास्टिक प्रस्तुति दी ,अणुव्रत टिम ने भी अपनी सुंदर प्रस्तुति दी।
गुरुदेव के प्रति एक दिवसीय अखंड वंदना जिसमें नन्हे बालक से लेकर बुजुर्ग तक सभी ने वंदना का उपहार श्री चरणों में भेंट किया।
डोंबिवली की हर गली गली में जय जय ज्योतिचरण की गूंज गुंजायमान हो रही थी गुरुदेव ने अपने भक्तों पर करूणा का मेघ बरसाया। जिस प्रकार से भगवान राम के पधारने पर अयोध्या को सजाया गया वैसे ही पूरी डोम्बिवली नगरी गुरुदेव के आगमन की खुशी में अपने आप में एक अलग ही सौंदर्य की छटा लिए हुए थी
प्रमुखाश्री विश्रुतविभाजी के पावन सानिध्य में सास-बहू कार्यशाला का आयोजन तेरापंथ महिला मंडल डोंबिवली ने किया। कन्या मंडल ने विगय त्याग कर एक अनुठी आध्यात्मिक भेंटगुरु चरणों में प्रस्तुत की।
त्रिदिवसीय कार्यक्रम में चातुर्मास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष श्री मदनजी तातेड़ मुख्य प्रबंधक श्री मनोहरजी गोंखरू महामंत्री श्री सुरेन्द्र जी कोठारी महामंत्री श्री महेश जी बाफना कोषाध्यक्ष श्री गौतमजी डांगी, पुर्व कल्याण परिषद के संयोजक एवं अभातेयुप के पुर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री संदीप जी कोठारी अभातेयुप राष्ट्रीय सहमंत्री श्री भूपेश जी कोठारी श्री लक्कीजी कोठारी कोषाध्यक्ष श्री नरेशजी सोनी अभातेयुप डोंबीवली प्रभारी श्री महेशजी परमार श्री विकास जी कोठारी अणुविभा के सहमंत्री श्री मनोज जी सिंघवी अणुविभा वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री प्रताप जी दुग्गड अणुव्रत अध्यक्ष मुंबई श्री रोशनजी मेहता जैन विश्व भारती के मंत्री श्री सलिल जी लोढ़ा तेरापंथ महिला मंडल मुंबई अध्यक्ष विमलाजी कोठारी मंत्री संगीताजी चपलोत परामर्शक प्रेमलताजी सिसोदिया, ज्ञानशाला आंचलिक संयोजिका अनीताजी परमार सहसंयोजिका राजश्रीजी कच्छारा तेरापंथ युवक परिषद डोंबिवली मंत्री श्री राहुल कोठारी तेरापंथ महिला मंडल मंत्री श्रीमती अनिता धाकड़ की गरिमापूर्ण उपस्थिति रही समस्त सभा संस्थाओं के अथक श्रम से वर्धमान महोत्सव का रंग अपने आप में एक अलग ही रोशनी बिखेर रहा था डोंबिवली तेरापंथ समाज के एक एक कार्यकर्ता ने पूर्ण समर्पित संघ सैनानी बन इस त्रिदिवसीय वर्धमान महोत्सव को ऐतिहासिक बनाया एवम इतिहास के स्वर्णिम पन्नों पर स्वर्णाक्षरों में अंकित किया जो कि समस्त डोंबिवलीवासियों के स्मृति पटल पर अविस्मरणीय पल के रूप में जीवन भर के लिए अंकित हो गया।
त्रिदिवसीय वर्धमान महोत्सव के उपलक्ष्य में डोंबिवली की पुण्यधरा पर युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी के पावन सानिध्य में स्वर्णिम इतिहास रचा गया
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