मुंबई। चेंबूर में मां का दिशा बोध, बेटी की उड़ान ABTMM के द्वारा निर्देशित कार्यशाला का आयोजन परम् श्रद्धेय, मातृ हृदया साध्वी प्रमुखा श्री विश्रुत विभा जी के सानिध्य में किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत साध्वी श्री काव्यलता जी के द्वारा नमस्कार महामंत्र से हुई। चेंबूर कन्या मंडल द्वारा मंगलाचरण किया गया। सहसंयोजिका विशाखा बापना द्वारा सबका स्वागत किया गया ।
साध्वी प्रमुखा श्री विश्रुतविभाजी ने बहनों को बहुत ही सुंदर एवं रोचक तरीके से मां बेटी के रिश्ते के बारे में बहुत अच्छी जानकारी दी। परिवार में अन्य सभी के अलावा एक मां की जिम्मेदारी अपनी बेटी के प्रति अधिक होती है और वह उसे कैसे निभाएं ? इस बारे में बहुत ही अच्छे एवं सरल तरीके से साध्वी श्री जी ने प्रेरणा पाथेय प्रदान किया। और यह भी समझाया कि एक बच्चे का संस्कार उसके गर्भ से ही शुरू हो जाता है एक मां पर निर्भर होता है कि वह अपने बच्चों को कैसे संस्कार दे।
सह संयोजिका श्रीमती विशाखा जी बाफना ने कार्यक्रम का कुशल संचालन किया। आभार ज्ञापन चेंबुर महिला मंडल के कोषाध्यक्ष रेखा जी डागलिया ने किया।
इस कार्यशाला में 20 कन्याएं व 245 बहनों की सराहनीय उपस्तिथि रही।
रिपोर्ट – दीपक जैन
चेंबूर में कार्यशाला- मां का दिशा बोध : बेटी की उड़ान
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