नई दिल्ली:मेजबान भारतीय टीम को हॉकी वर्ल्ड कप-2018 के क्वॉर्टर फाइनल में हार का सामना करना पड़ा है। उसे तीन बार की चैंपियन नीदरलैंड्स टीम ने 2-1 से हराया। ओडिशा के कलिंगा स्टेडियम में खेले गए इस मुकाबले में भारतीय टीम ने विपक्षी टीम को जोरदार टक्कर दी, लेकिन आखिरी क्वॉर्टर में नीदरलैंड्स ने बढ़त बनाई और मुकाबला अपने नाम कर लिया।
इसके साथ ही नीदरलैंड्स ने भारत के खिलाफ वर्ल्ड कप में कभी नहीं हारने का रेकॉर्ड बनाए रखा है। इस जीत के साथ ही उसने सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया है। जहां उसका मुकाबला दो बार की डिफेंडिंग चैंपियन ऑस्ट्रेलिया से होगा, जिसने फ्रांस को 3-0 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया था।
भारतीय टीम ने पहले मिनट से ही आक्रामक हॉकी खेलते हुए पहले क्वॉर्टर में कई हमले बोले। तीसरे मिनट में हार्दिक सिंह से गेंद लेकर ललित उपाध्याय ने सर्कल के भीतर आकाशदीप को क्रास दिया जो ट्रैप नहीं कर सके। भारत को लगातार हमलों का फल 12वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर के रूप में मिला जिस पर हरमनप्रीत की ड्रैग फ्लिक नीदरलैंड्स के गोलकीपर परमिन ब्लाक ने बचा ली लेकिन रिबाउंड पर आकाशदीप ने गेंद को गोल के भीतर डाला तो स्टेडियम तालियों की गड़गड़ाहट से गुंजायमान हो गया।
पहला गोल गंवाने से स्तब्ध डच टीम ने दमदार जवाबी हमले बोले और 14वें मिनट में भारतीय गोलकीपर पी आर श्रीजेश ने शर्तिया गोल बचाया। पहले क्वॉर्टर के आखिरी चंद सेकंड तक भारतीय डिफेंस अभेद नजर आ रहा था, लेकिन नीदरलैंड्स ने आखिरी पल में बराबरी का गोल दाग दिया। मरको प्रूजर ने सर्कल के भीतर गेंद पहुंचाई और थियरे ब्रिंकमैन की स्टिक से लगकर वह भारतीय गोल के भीतर चली गई, जिसे गोलकीपर श्रीजेश हैरान होकर देखते रहे। दूसरे क्वॉर्टर में भारतीय टीम कई बार गोल करने के करीब पहुंची लेकिन फिनिशिंग तक नहीं ले जा सकी।
भारत को बढ़त बनाने का सुनहरा मौका 24वें मिनट में मिला जब कप्तान मनप्रीत सिंह ने आकाशदीप को गेंद दी जिसका दाहिने ओर से शॉट बार से टकरा गया और रिबाउंड पर नीलाकांता शर्मा का शॉट गोलकीपर ब्लॉक ने बखूबी बचाया। हाफटाइम तक स्कोर 1–1 से बराबर था। दूसरे हाफ में भारतीयों ने कई मौके बनाए, लेकिन डच डिफेंस को भेद नहीं सके।
उधर डच खिलाड़ियों को लगातार पेनल्टी कॉर्नर मिलते रहे। पूरे टूर्नामेंट में उसका पेनल्टी कॉर्नर खराब रहा और इस मैच में भी वह सिर्फ एक को भुना सके। तीसरा क्वॉर्टर गोलरहित रहने के बाद चौथे क्वॉर्टर में दूसरे ही मिनट में डच टीम ने लगभग गोल कर दिया लेकिन भारत के रेफरल के बाद उसे अमान्य करार दिया गया। जवाबी हमले में आकाशदीप ने दाहिने फ्लैंक से गोल के ठीक सामने सिमरनजीत सिंह को गेंद दी जो उसे पकड़ नहीं सके।
इस बीच नीदरलैंड्स ने 50वें मिनट में एक के बाद एक पेनल्टी कॉर्नर बनाए और दूसरे पर गोल दागा। भारत ने 55वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर बनाया तो दर्शकों में मानों जान फूंक गई लेकिन हरमनप्रीत इसे गोल में नहीं बदल सके। आखिरी मिनटों में डच टीम ने रक्षात्मक हॉकी का प्रदर्शन करते हुए भारत की वापसी के सभी मंसूबों पर पानी फेर दिया। सेमीफाइनल में 15 दिसंबर को इंग्लैंड का सामना बेल्जियम से और डिफेंडिंग चैंपियन ऑस्ट्रेलिया का नीदरलैंड्स से होगा।
भारत का वर्ल्ड चैंपियन बनने का सपना टूटा
Leave a comment
Leave a comment