भोपाल:नौ बार से छिंदवाड़ा से सांसद कमलनाथ ही मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री होंगे। कांग्रेस आलाकमान ने उनके नाम पर मुहर लगा दी। विधानसभा चुनाव से करीब 6 महीने पहले कमलनाथ ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का जिम्मा संभाला था। कांग्रेस ने इस फैसले के साथ यह भी साफ कर दिया कि राज्य में कोई उप-मुख्यमंत्री नहीं होगा। पहले यह माना जा रहा था कि कमलनाथ के सीएम बनने की स्थिति में सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है।
इससे पहले गुरुवार दिनभर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आवास पर बैठकों के दौर चले। आलाकमान ने फैसला कर लिया, लेकिन कमलनाथ और सिंधिया को दिल्ली से भोपाल जाकर घोषणा करने को कहा। इस बीच, राजस्थान को लेकर सस्पेंस कायम है। अशोक गहलोत और सचिन पायलट मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं। वहीं, छत्तीसगढ़ के मामले में राहुल शुक्रवार को फैसला करेंगे। वहां टीएस सिंहदेव का नाम आगे चल रहा है। भूपेश बघेल और ताम्रध्वज साहू भी दौड़ में हैं।
इंदिरा ने कमलनाथ को कहा था अपना तीसरा बेटा
नौ बार से छिंदवाड़ा के सांसद कमलनाथ को इंदिरा गांधी ने अपना तीसरा बेटा कहा था। वह उन नेताओं में से हैं, िजन्होंने गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों के साथ काम किया। वे पहली बार नरसिम्हा राव सरकार में 1991 में वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बने। वे कपड़ा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), केंद्रीय उद्योग मंत्री, परिवहन व सड़क निर्माण मंत्री, शहरी विकास, संसदीय कार्य मंत्री भी रहे। मनमोहन सरकार में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री भी रहे।
राहुल ने ट्वीट की नाथ-सिंधिया के साथ तस्वीर, कहा- सब्र सबसे बड़ा योद्धा
सिंधिया और कमलनाथ के साथ बैठक के दौरान राहुल ने ट्विटर पर एक तस्वीर पोस्ट की थी। इसमें उन्होंने सिंधिया-नाथ के हाथ थाम रखे थे। राहुल ने कहा कि सब्र और वक्त दोनों सबसे बड़े योद्धा होते हैं।
कमलनाथ ही होंगे मप्र के मुख्यमंत्री; राजस्थान-छत्तीसगढ़ पर फैसला बाकी
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