रायपुर। मधुरता से स्पष्टता परिभाषित नहीं होती।मधु से लिपटी तलवार भी खतरनाक ही होती है। उक्त प्रेरणा पाथेय रायपुर तेरापंथ अमोलक भवन में गतिमान प्रवचन श्रृंखला अंतर्गत आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या समणी निर्देशिका डॉ. ज्योतिप्रज्ञा जी, समणी डॉ. मानसप्रज्ञा जी ने तपस्वीयों के अभिनंदन समारोह में कही।
दिनांक 26 अगस्त 2023 को समणी वृंद के सान्निध्य में दो तपस्वी श्रीमती अनिता नाहर 5 माह के आयम्बील तप के साथ 13 व साजा से पधारे किशोर श्री अमन सांखला 9 की तपस्या के साथ पधारें। समणी वृंद ने कहा तपस्या बड़ी अनमोल होती है। अमन ने तपस्या से मन को वश में कर लिया और अनिता ने 13 की तपस्या से आत्मा को शुभ कर्म की ओर अग्रसर किया। ‘मंगलकारी संकट हारी तप की जय जय कार है, तप की गंगा में बैठे तो होगा बेड़ा पार…’ सुमधुर गीतिका का संगान समणी वृंद द्वारा किया गया।
आयोजन में तेरापंथ किशोर मंडल, रायपुर द्वारा अनुमोदन मंगलाचरण व पायल नाहर, प्रशांत कोठारी, अर्पित गोखरू, चंद्रकांत लूकंड व मनीष नाहर ने अपनी भाव अभिव्यक्ति से तपस्वीयों का मान बढ़ाने का कार्य किया। तपस्या का अभिनंदन तपस्या के द्वारा नाहर परिवार व किशोर मंडल द्वारा किया गया।
तपस्या तो बड़ी अनमोल है – समणी डॉ. ज्योतिप्रज्ञा
Leave a comment
Leave a comment