By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
सुरभि सलोनीसुरभि सलोनी
  • national
  • state
  • social
  • entertainment
  • local
  • Video
Reading: बुद्धि का करें सदुपयोग : सिद्ध साधक आचार्यश्री महाश्रमण 
Share
Sign In
Notification Show More
Aa
सुरभि सलोनीसुरभि सलोनी
Aa
Search
  • national
  • state
  • social
  • entertainment
  • local
  • Video
Have an existing account? Sign In
Follow US
  • Advertise
© 2022 Surabhi Sloni All Rights Reserved.
social

बुद्धि का करें सदुपयोग : सिद्ध साधक आचार्यश्री महाश्रमण 

admin
Last updated: 2023/08/22 at 12:03 PM
admin
Share
4 Min Read
SHARE
– ज्ञान की निर्मलता को आचार्यश्री ने किया व्याख्यायित
– सरसशैली में आचार्यश्री ने किया कालूयशोविलास का वाचन
21.08.2023, सोमवार, घोड़बंदर रोड, मुम्बई (महाराष्ट्र)। प्राकृतिक सुषमा से सम्पन्न मायानगरी मुम्बई के मीरा-भायंदर महानगरपालिका के अंतर्गत घोड़बंदर रोड के निकट स्थित नन्दनवन परिसर। जहां जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के ग्यारहवें अनुशास्ता, अखण्ड परिव्राजक, सिद्ध साधक आचार्यश्री महाश्रमणजी सैंकड़ों साधु-साध्वियों संग वर्ष 2023 का चतुर्मास कर रहे हैं। यह परिसर आध्यात्मिक वातावरण से आच्छादित नजर आ रहा है। जिस प्रकार बाहर की ओर पहाड़ों पर छाई हरियाली जन-जन को मंत्रमुग्ध बना रही है, उसी प्रकार नन्दनवन में श्रीमुख से निरंतर प्रवाहित होने वाली गुरुवाणी जन-जन का आध्यात्मिक-धार्मिक भावों से सराबोर कर रही है।
सोमवार को नन्दनवन परिसर में बने विशाल तीर्थंकर समवसरण में उपस्थित श्रद्धालुओं को सिद्ध साधक आचार्यश्री महाश्रमणजी ने भगवती सूत्र आगम के माध्यम से पावन पाथेय प्रदान करते हुए कहा कि जीव और पुद्गल का सम्बन्ध होता है। शरीर जो दिखाई देता है, वह पुद्गल है तो शरीर के भीतर स्थित चेतना जीव है। जीव और पुद्गल के सम्बन्ध से सृष्टि पर जीवन चलता है। दिखाई देने वाले शरीर से मानों पुद्गल का थोड़ा दूर का सम्बन्ध है, किन्तु तैजस और कार्मण शरीर से तो पुद्गल का बहुत निकटता का सम्बन्ध है। तैजस और कार्मण के साथ जीव का ऐसा सम्बन्ध होता है, कि स्थूल शरीर की मृत्यु के बाद भी तैजस और कार्मण शरीर के साथ जीव प्रस्थान करता है।
आचार्यश्री ने शरीर की स्थितियों की जानकारी देते हुए कहा कि जिस चीज की प्राप्ति कर्मों के अभाव से होती है, उनमें वर्ण, रस, गंध और स्पर्श नहीं होता। बुद्धि भी ज्ञानावरणीय कर्म के क्षयोपशम भाव से प्राप्त होने वाली है, इसलिए इसमें वर्ण, रस, गंध और स्पर्श नहीं होता। ज्ञानावरणीय कर्म जितना हल्का होता है, बुद्धि उतनी ही निर्मल होती है। बुद्धि से कितना-कितना कार्य किया जा सकता है। बुद्धि और ज्ञान का विकास खूब अच्छा हो सकता है। गुरु के विनय, सेवा, अवस्था और ज्ञानावरणीय कर्म का अच्छा क्षयोपशम बुद्धि के विकास के लिए आवश्यक होते हैं। बुद्धि व ज्ञान का विकास तो बहुत अच्छा होता है, किन्तु उसके साथ यह भी ध्यान देने का प्रयास होना चाहिए कि बुद्धि का सही सदुपयोग हो। बुद्धि और ज्ञान का विकास है तो आज दुनिया कहां चन्द्रमा है और उसके पास चन्द्रयान आदि भेज सकता है। बुद्धि का अच्छा उपयोग तो और कितना अच्छा विकास हो सकता है। बुद्धि व ज्ञान से भौतिक ही नहीं, आध्यात्मिकता का भी अच्छा विकास हो सकता है। आगम के सूत्रों के रहस्यों व मूल अर्थ को उजागर किया जा सकता है। बुद्धि का अपना जगत होता है। बुद्धि के विकास और उसके सदुपयोग का प्रयास करना चाहिए।
आचार्यश्री ने मंगल प्रवचन के उपरान्त पूज्य कालूगणी के जीवनवृत्त ‘कालूयशोविलास’ का सरसशैली में वाचन किया। इस वाचन के माध्यम से वर्तमान में आचार्यश्री कालूगणी के जीवन के अंतिम क्षणों का वर्णन किया। आचार्यश्री के मंगल प्रवचन व आख्यान के उपरान्त साध्वीवर्या सम्बुद्धयशाजी ने भी उपस्थित जनता को अभिप्रेरित किया।

Sign Up For Daily Newsletter

Be keep up! Get the latest breaking news delivered straight to your inbox.
[mc4wp_form]
By signing up, you agree to our Terms of Use and acknowledge the data practices in our Privacy Policy. You may unsubscribe at any time.
admin August 22, 2023 August 22, 2023
Share This Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp Telegram Email Copy Link Print
Share
What do you think?
Love0
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0
Previous Article साउथ कोलकाताः मासखमण तप अभिनंदन समारोह का आयोजन
Next Article मंबई कन्या मंडल ने किया “एक सलामी स्वतंत्रता सैनानियों के नाम”
Leave a comment Leave a comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Stay Connected

235.3k Followers Like
69.1k Followers Follow
56.4k Followers Follow
136k Subscribers Subscribe

Latest News

सरोगेसी कानून के प्रावधान को रद्द करने वाली याचिका केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस
national December 6, 2023
अवनीश-मधुलिका एक-दूजे को रिंग पहना बने भाव जीवन साथी 
state December 5, 2023
साध्वी प्रमुखा श्री विश्रुत विभाजी के सानिध्य में गोरेगांव महिला मंडल की कार्यशाला का सफल आयोजन
social December 3, 2023
धूथा’ के स्टारी प्रीमियर नाइट पर नागा चैतन्य के ओटीटी डेब्यू का मनाया गया जश्न
entertainment November 30, 2023

Sign Up for Our Newsletter

Subscribe to our newsletter to get our newest articles instantly!

[mc4wp_form id=”847″]

Follow US
© 2023 Surabhi Saloni All Rights Reserved.
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?